समाज: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में अनुसूचित जाति के छात्र पर हमला, एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में अनुसूचित जाति के छात्र पर हमला, एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में एक अनुसूचित जाति के छात्र पर कुछ ऊंची जाति के लड़कों द्वारा हमले की मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने डीजीपी और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में एक अनुसूचित जाति के छात्र पर कुछ ऊंची जाति के लड़कों द्वारा हमले की मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने डीजीपी और जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई जब अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला 11वीं कक्षा का एक छात्र परीक्षा में शामिल होने के लिए बस से जा रहा था। इसी बीच रास्ते में कुछ लोगों ने उस छात्र को बस से बाहर खींच लिया और उस पर धारदार हथियार (दरांती) से हमला कर दिया। इस हमले में उसके बाएं हाथ की अंगुलियां कट गईं। इसके बाद कथित तौर पर पीड़ित के पिता ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, जिसके बाद उन पर भी हमला कर दिया गया।

एनएचआरसी ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए कहा कि यदि यह रिपोर्ट सही है, तो यह घटना मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। आयोग ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और तूतिकोरिन जिले के कलेक्टर को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे चार सप्ताह के भीतर इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

एनएचआरसी ने बताया कि 12 मार्च को प्रसारित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमले करने के बाद सभी लोग भागने में सफल रहे और पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया। तिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल में पीड़ित को भर्ती कराया गया, जहां सात घंटे की लंबी सर्जरी के बाद, डॉक्टरों की टीम लड़के की उंगलियों को फिर से जोड़ने में कामयाब रही।

एनएचआरसी ने एक अन्य मीडिया रिपोर्ट का भी स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में चार लोगों के एक समूह द्वारा दिनदहाड़े एक सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक की हत्या कर दी गई थी। घटना पर चार सप्ताह के भीतर पुलिस महानिदेशक और जिला कलेक्टर, तिरुनेलवेली से रिपोर्ट मांगते हुए, एनएचआरसी ने कहा कि यह पीड़ित के मानवाधिकारों का मुद्दा था।

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित एक कार्यकर्ता था जो क्षेत्र में वक्फ भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ कानूनी मामले लड़ रहा था और उसे कुछ लोगों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि वह आरोपियों के साथ मिली हुई है। गत 19 मार्च को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की निष्क्रियता और घोर लापरवाही के कारण उसकी हत्या हुई।

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Created On :   25 March 2025 11:17 PM IST

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