राजनीति: बिहार विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला के आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपए की स्वीकृति

बिहार  विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला के आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपए की स्वीकृति
बिहार के सारण जिले में प्रतिवर्ष लगने वाले विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विकास और आधुनिकीकरण के लिए सरकार ने पहल शुरू की है। सरकार इस क्षेत्र को डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील स्थल के रूप में विकसित कर रही है।

पटना, 2 जून (आईएएनएस)। बिहार के सारण जिले में प्रतिवर्ष लगने वाले विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विकास और आधुनिकीकरण के लिए सरकार ने पहल शुरू की है। सरकार इस क्षेत्र को डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील स्थल के रूप में विकसित कर रही है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया, "सोनपुर मेला स्थल में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपए की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। 'स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0' की उप-योजना (सीबीडीडी) के तहत सोनपुर मेला विकास की योजना को स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय रोजगार और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार सोनपुर मेले को देशभर में ही नहीं, बल्कि वैश्विक पर्यटन के लिए डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील स्थल के रूप में विकसित कर रही है।"

चौधरी ने बताया, "इस योजना के तहत प्रवेश द्वार, हाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, घाट तक संपर्क, पार्किंग और शटल सेवा का विकास किया जाएगा। नए स्वरूप में प्लास्टिक मुक्त मेला क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर ऊर्जा और पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसी हरित पहल पर भी काम किया जाएगा। वहीं, डिजिटल पहल के तहत मेला मोबाइल ऐप, कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं का निर्माण किया जाएगा।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार में सारण जिले का सोनपुर मेला स्थल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। सरकार के प्रयासों से यहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मेला स्थल के समग्र विकास से आने वाले पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलेंगी, व्यापार के नए अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।"

उल्लेखनीय है कि सोनपुर में गंगा-गंडक नदी के संगम पर हर वर्ष शरद ऋतु में कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस मेले की शुरुआत होती है और यह एक महीने तक चलता है। इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। इस मेले में हाथी-घोड़ा, गाय-बैल और दूसरे पशुओं की खरीद-फरोख्त होती है।

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Created On :   2 Jun 2025 7:22 PM IST

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