कूटनीति: पीएम मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री को दिया भारत आने का न्यौता, कहा- आतंकवाद मानवता का दुश्मन है

पीएम मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री को दिया भारत आने का न्यौता, कहा- आतंकवाद मानवता का दुश्मन है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन देशों के दौरे के आखिरी पड़ाव में क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ संयुक्त बयान जारी किया। पीएम मोदी ने जाग्रेब में हुए स्वागत के लिए क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच का आभार जताया।

जाग्रेब, 19 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन देशों के दौरे के आखिरी पड़ाव में क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ संयुक्त बयान जारी किया। पीएम मोदी ने जाग्रेब में हुए स्वागत के लिए क्रोएशिया के पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच का आभार जताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा, "जाग्रेब की इस ऐतिहासिक और मनमोहक धरती पर जिस उत्साह, आत्मीयता और स्नेह से मेरा स्वागत हुआ है, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री और क्रोएशिया सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहूंगा। किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की यह पहली यात्रा है और इसका सौभाग्य मुझे मिला है।"

पीएम मोदी ने साझा बयान में कहा, "भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, कानून का शासन, बहुलवाद और समानता जैसे साझा मूल्यों से जुड़े हैं। यह सुखद संयोग है कि पिछले वर्ष भारत के लोगों ने मुझे और क्रोएशिया के लोगों ने प्रधानमंत्री आंद्रेजी को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है। इस जनविश्वास के साथ हमने अपने तीसरे कार्यकाल में अपने द्विपक्षीय संबंधों को तीन गुना गति देने का निर्णय लिया है। रक्षा क्षेत्र में लॉन्ग टर्म सहयोग के लिए एक ‘रक्षा सहयोग प्लान’ बनाया जाएगा, जिसमें ट्रेनिंग और मिलिट्री एक्सचेंज के साथ-साथ रक्षा उद्योग पर भी फोकस किया जाएगा। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हो सकती हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और विश्वसनीय सप्लाई चेन तैयार करने के लिए कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। हम फार्मा, एग्रीकल्चर, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, क्लीन टेक्नोलॉजी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर ऐसे कई महत्वपूर्ण विषयों में सहयोग को बढ़ावा देंगे।

शिपबिल्डिंग और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग बढ़ाया जाएगा। भारत की सागरमाला परियोजना के तहत हो रहे बंदरगाह आधुनिकीकरण, कोस्टल-जोन के विकास और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी में क्रोएशिया की कंपनियों के लिए भी व्यापक अवसर हैं। हमने अपने एकेडमिक इंस्टीट्यूशन और सेंटर्स के बीच ज्वाइंट रिसर्च और सहयोग पर बल दिया है। भारत अपने स्पेस अनुभव को क्रोएशिया के साथ साझा करेगा।"

प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, "हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध, आपसी स्नेह और सद्भाव का मूल हैं। ‘इवान फिलिप वेजदिन’ ने 18वीं शताब्दी में पहली बार यूरोप में संस्कृत व्याकरण प्रकाशित किया। 50 वर्षों से जाग्रेब यूनिवर्सिटी में इंडोलोजी विभाग सक्रिय है। आज हमने अपने सांस्कृतिक और लोगों से लोगों तक संबंधों को और बल देने का निश्चय किया है। जाग्रेब यूनिवर्सिटी में हिंदी चेयर के एमओयू की अवधि 2030 तक बढ़ाई गई है। आने वाले पांच वर्षों के लिए कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम तैयार किया गया है। लोगों के आवागमन को सरल बनाने के लिए मोबिलिटी एग्रीमेंट को जल्द पूर्ण किया जाएगा। क्रोएशियाई कंपनियां भारत की आईटी मैन पावर का लाभ उठा सकेंगी। हमने दोनों देशों के बीच टूरिज्म को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। यहां पर योग की लोकप्रियता को मैंने स्पष्ट रूप से अनुभव किया है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है और मुझे विश्वास है कि हमेशा की तरह क्रोएशिया के लोग इसे धूमधाम से मनाएंगे।"

पीएम मोदी ने अपने बयान में आतंकवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हम सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली शक्तियों का विरोधी है। 22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले पर संवेदनाओं के लिए हम प्रधानमंत्री और क्रोएशिया सरकार के हार्दिक आभारी हैं। ऐसे कठिन समय में हमारे मित्र देशों का साथ हमारे लिए बहुत मूल्यवान था। हम दोनों सहमत हैं कि आज के वैश्विक वातावरण में भारत और यूरोप की साझेदारी बहुत महत्व रखती है। ईयू के साथ हमारी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में क्रोएशिया का समर्थन और सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने कहा, "हम दोनों इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया, समस्याओं का समाधान रणभूमि से नहीं निकलता। डायलॉग और डिप्लोमेसी ही एकमात्र रास्ता है। किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "आज यहां ‘बांसकि द्वोरी’ में होना मेरे लिए एक विशेष पल है। जहां ‘साकसिनस्की’ ने क्रोएशियन भाषा में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था, मुझे हिंदी में अपनी बात रखने में एक गर्व और सुकून का अनुभव हो रहा है। उन्होंने सही कहा था, "भाषा एक पुल है” और आज हम उसे मजबूती दे रहे हैं। एक बार फिर, क्रोएशिया में हमारे स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री का हार्दिक धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री, मैं यह भी आशा करता हूं कि आप हमें भारत में जल्द से जल्द आपका स्वागत करने का अवसर प्रदान करेंगे।"

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Created On :   19 Jun 2025 9:32 PM IST

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