पूर्व राजनयिकों ने राष्ट्रपति पुतिन को दौरे को बताया महत्वपूर्ण, तकनीक-ऊर्जा सहयोग और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा संभव
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को भारत पहुंचेंगे। पूर्व भारतीय राजनयिकों का मानना है कि परमाणु प्लांट से जुड़े विषय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक के अलावा राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता में यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है।
राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि रूस हर मुश्किल वक्त में भारत के साथ खड़ा रहा है। इस कड़ी में 25 साल पहले यह तय हुआ कि समय-समय पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं होंगी। उसी आधार पर व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं।
अनिल त्रिगुणायत ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच गहरी दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 25 सालों में भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हुए हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच आपसी समझ भी काफी अच्छी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर पूर्व राजनयिक ने कहा, "संभावना है कि राष्ट्रपति पुतिन वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से यूक्रेन के विषय पर बात कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा युद्धविराम की बात की है। रूस-यूक्रेन की लड़ाई इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि इसका असर पूरी दुनिया पर है। हो सकता है कि पीएम मोदी और पुतिन इस पर दोस्तों की तरह बात करेंगे।"
व्यापार के विषय पर अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि एनर्जी सिक्योरिटी में रूस की बहुत बड़ी भूमिका है। उसके चलते भारत के ऊपर कुछ अतिरिक्त शुल्क भी लगा। हालांकि, भारत ने इतना ध्यान नहीं दिया है। पूर्व राजनयिक ने कहा, "मेरा मानना है कि द्विपक्षीय वार्ता में इस पर भी चर्चा हो सकती है।"
पूर्व राजनयिक ने आगे कहा, "अगर रूस अपने सरप्लस को रणनीतिक तरीके से भारत में निवेश करना चाहे तो वह उसके लिए बहुत बड़ा अवसर है। इसी तरह भारतीय कंपनियों के लिए भी यह बड़ा मौका है। कंपनियों को भी सामरिक रिश्तों का लाभ उठाना चाहिए।"
वहीं, पूर्व राजनयिक वीना सिकरी ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दौरा है। शायद बहुत लंबे समय में भारत का यह सबसे अहम दौरा है। इसके पीछे कई कारण हैं। दुनिया भर में जियोपॉलिटिकल हालात बहुत नाजुक हैं। दो युद्ध चल रहे हैं, जो अभी खत्म नहीं हैं, बल्कि तनाव बना हुआ है। इसके अलावा, भारत पर अमेरिका की तरफ से अधिक टैरिफ को लेकर काफी दबाव है, जिसका ज्यादातर हिस्सा उस एनर्जी से जुड़ा है जो भारत रूस से खरीद रहा है।"
वीना सिकरी ने यह भी कहा कि रूस की ओर से विकसित सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट बहुत महत्वपूर्ण है और मुझे यकीन है कि भारत सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। पूर्व राजनयिक ने कहा कि इस दौरे पर राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत का एक मुख्य पहलू यूक्रेन-रूस संघर्ष में शांति की संभावनाओं का पता लगाना होगा।
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Created On :   4 Dec 2025 9:45 AM IST












