राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह पीएम मोदी ने सप्त मंदिर में पूजा-अर्चना की

राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह पीएम मोदी ने सप्त मंदिर में पूजा-अर्चना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को अयोध्या पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। वे यहां रामजन्मभूमि मंदिर में होने वाले बहुप्रतीक्षित ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने आए थे।

अयोध्या, 25 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलवार को अयोध्या पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। वे यहां रामजन्मभूमि मंदिर में होने वाले बहुप्रतीक्षित ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने आए थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर उनका स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मंदिर परिसर की ओर रवाना हुए और उनके आगमन पर एक शानदार रोड शो किया।

रास्ते के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग खड़े थे। तिरंगा, भारतीय जनता पार्टी के झंडे और भगवान राम के प्रतीक वाले झंडे लहरा रहे थे। पूरा शहर “जय श्री राम” और “मोदी- मोदी” के नारों से गूंज रहा था।

जब प्रधानमंत्री का काफिला साकेत कॉलेज से राम जन्मभूमि मंदिर की ओर बढ़ रहा था, तो लोगों ने फूल बरसाए। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को लेकर लोगों की उत्सुकता साफ दिखाई दे रही थी।

अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विशाल राम मंदिर परिसर में स्थित सप्त मंदिर में भी पूजा की।

ये सात मंदिर महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी को समर्पित हैं।

सप्त मंदिर भगवान राम के जीवन में महत्वपूर्ण रहे इन गुरुओं, भक्तों और सहयोगियों को दर्शाते हैं। इन्हें मंदिर परिसर में स्थान देना उनके स्थायी महत्व और सम्मान को दर्शाता है।

इसके बाद, दोपहर लगभग 12:00 बजे प्रधानमंत्री ध्वजारोहण कार्यक्रम में भाग लेंगे, जो राम मंदिर निर्माण की औपचारिक पूर्णता का प्रतीक होगा। यह समारोह देशभर के भक्तों के लिए गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

राम मंदिर के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है। इसे गुजरात के अहमदाबाद के एक विशेषज्ञ ने बनाया है। दो से तीन किलोग्राम वजन वाला यह ध्वज ज़्यादा ऊंचाई और हवाओं में भी सुरक्षित रहने के लिए डिजाइन किया गया है।

यह आयोजन अयोध्या में चल रहे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक और महत्वपूर्ण चरण है। नेताओं ने कहा है कि यह ध्वज केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन सभ्यता और समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रतीक है।

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Created On :   25 Nov 2025 11:25 AM IST

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