आरबीआई का पॉलिसी स्टेटमेंट बाजार सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है एसबीआई चेयरमैन

आरबीआई का पॉलिसी स्टेटमेंट बाजार सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है  एसबीआई चेयरमैन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने बुधवार को कहा कि आरबीआई की पॉलिसी स्टेटमेंट मार्केट सुधार और ब्याज दरों में बदलाव के अलावा अन्य उपायों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने बुधवार को कहा कि आरबीआई की पॉलिसी स्टेटमेंट मार्केट सुधार और ब्याज दरों में बदलाव के अलावा अन्य उपायों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

रिस्क-बेस्ड डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रीमियम की ओर कदम उठाने से मजबूत बैंकों की कमाई में काफी सुधार होगा।

शेट्टी ने एक बयान में कहा, "स्पेसिफाइड उधारकर्ताओं से जुड़े फ्रेमवर्क को हटाना और भारतीय बैंकों द्वारा मर्जर और अधिग्रहण फाइनेंसिंग को अनुमति देना ग्रोथ के लिए फायदेमंद है। साथ ही यह बैंकों से क्रेडिट फ्लो में बढ़ोतरी करेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "आईएफएससी में भारतीय एक्सपोर्टर के विदेशी मुद्रा खातों से पैसे वापस भेजने की समय-सीमा बढ़ाना और मर्चेंटिंग ट्रेड ट्रांजैक्शन के लिए विदेशी मुद्रा खर्च की समय-सीमा बढ़ाना, साथ ही ईडीपीएमएस/आईडीपीएमएस पोर्टल में रिकॉन्सिलिएशन प्रोसेस को सरल बनाना स्वागत योग्य कदम हैं, क्योंकि इससे एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए कारोबार करना आसान हो जाएगा।"

शेट्टी ने कहा, "ग्राहक संतुष्टि और सुरक्षा बढ़ाने, क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन में रुपए के बेहतर इस्तेमाल जैसे उपाय, मध्यम अवधि में स्वीकार्यता और मुद्रा की स्थिति में सुधार के मामले में बड़े वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करेंगे।"

एसबीआई के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सर्वसम्मति से पॉलिसी रेट को अपरिवर्तित रखने का फैसला एक मजबूती को प्रदर्शित करता है, जो मौद्रिक नीति से परे क्षेत्रों तक भी फैला हुआ है। यह व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद कंफर्टेबल लिक्विडिटी कंडीशन और अनुकूल बाहरी माहौल की वजह से संभव हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू वित्तीय प्रणाली को ग्लोबल रिपॉजिशनिंग के उद्देश्य से कई प्रगतिशील सुधारों से सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा मानना ​​है कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में महंगाई दर काफी कम रहने की संभावना है। वैश्विक वित्तीय बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितता के बीच एमपीसी द्वारा दरों को स्थिर रखने का फैसला नियामक दृष्टिकोण से उचित लगता है।"

एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई ने कम महंगाई दर के अनुमान और विकास में गिरावट के साथ भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के लिए रास्ता खुला रखा है।

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Created On :   1 Oct 2025 6:47 PM IST

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