व्यापार: रिलायंस इंडस्ट्रीज में नहीं रुक रही गिरावट, 10 साल में पहली बार नकारात्मक रिटर्न देने को तैयार शेयर

रिलायंस इंडस्ट्रीज में नहीं रुक रही गिरावट, 10 साल में पहली बार नकारात्मक रिटर्न देने को तैयार शेयर
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर का प्रदर्शन बीते तीन महीने में कमजोर रहा है। इस दौरान आरआईएल ने करीब 15 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी में इस अवधि में 4.9 प्रतिशत की गिरावट हुई।

मुंबई, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर का प्रदर्शन बीते तीन महीने में कमजोर रहा है। इस दौरान आरआईएल ने करीब 15 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है। वहीं, निफ्टी में इस अवधि में 4.9 प्रतिशत की गिरावट हुई।

निफ्टी में रिलायंस इंडस्ट्रीज का वेटेज 8 प्रतिशत है। इस कारण निफ्टी में हुई गिरावट की एक वजह आरआईएल में कमजोरी को भी माना जा रहा है।

2024 की शुरुआत से लेकर अब तक आरआईएल के शेयर में 2.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है। 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब यह शेयर सालाना आधार पर नकारात्मक रिटर्न दे रहा है।

अगस्त में हुई कंपनी की एनुअल जनरल बैठक (एजीएम) के बाद से ही आरआईएल के शेयर में गिरावट देखी जा रही है। एजीएम बैठक में रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो के मॉनेटाइजेशन को लेकर कोई समय नहीं दी गई थी, जिससे निवेशक काफी निराश हुए थे।

आरआईएल के शेयर ने सितंबर में -2.2 प्रतिशत, अक्टूबर में -9.8 प्रतिशत, नवंबर में -3 प्रतिशत और दिसंबर में -3.9 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज को कई स्तरों पर मुश्किलों का सामना पड़ रहा है। कंपनी के तेल-गैस और पेट्रोकेमिकल कारोबार के मार्जिन पर दबाव है। न्यू एनर्जी बिजनेस, जहां पूंजीगत व्यय का एक बड़ा हिस्सा लगा हुआ है, उसका ऑपरेशनलाइजेशन शेड्यूल से पीछे चल रहा है।

इसके अलावा टेलीकॉम बिजनेस की औसत आय प्रति यूजर (एआरपीयू) प्रतिस्पर्धा और सिम कंसोलिडेशन के कारण उम्मीद की अपेक्षा कम तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, टैरिफ में बढ़ोतरी का पूरा असर आना बाकी है।

आरआईएल द्वारा रिटेल कारोबार का रीस्ट्रक्चर और कंसोलिडेशन किया जा रहा है। इसके कारण शेयरधारकों के लिए वैल्यू अनलॉकिंग में देरी हुई है। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में हुए पूंजीगत व्यय से कैश फ्लो आने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक बाधाओं और मार्जिन के कारण यह अनुमान से कम है, जिसके कारण कंपनी को भविष्य के पूंजीगत व्यय को फंड करने के लिए कर्ज की जरूरत हो सकती है।

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Created On :   13 Dec 2024 7:06 PM IST

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