राजनीति: राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे सिर्फ मराठी भाषा के मुद्दे पर साथ आए हैं संजय शिरसाट

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे सिर्फ मराठी भाषा के मुद्दे पर साथ आए हैं  संजय शिरसाट
महाराष्ट्र में शनिवार को ठाकरे बंधुओं ने 'विजय दिवस' का आयोजन किया और वर्षों बाद एक मंच पर दिखे। इसे लेकर महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी जारी है। इस बीच, महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने एक बयान में कहा है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे सिर्फ मराठी भाषा के मुद्दे पर एक मंच पर आए थे, न कि किसी राजनीतिक गठबंधन के तहत।

मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में शनिवार को ठाकरे बंधुओं ने 'विजय दिवस' का आयोजन किया और वर्षों बाद एक मंच पर दिखे। इसे लेकर महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी जारी है। इस बीच, महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने एक बयान में कहा है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे सिर्फ मराठी भाषा के मुद्दे पर एक मंच पर आए थे, न कि किसी राजनीतिक गठबंधन के तहत।

संजय शिरसाट ने कहा कि राज ठाकरे ने अपने भाषण में केवल भाषा को लेकर बात की, जबकि उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में राजनीतिक बातें कीं। उन्होंने इस सभा के कुछ और पहलुओं पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर जब किसी बड़ी सभा का समापन होता है तो मंच पर मौजूद सभी नेता एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर जनता के सामने हाथ उठाते हैं, लेकिन इस बार राज ठाकरे ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अकेले ही हाथ ऊपर उठाया, जिससे यह साफ झलकता है कि दोनों नेताओं के बीच सिर्फ मराठी भाषा को लेकर सहमति बनी है, न कि कोई गहरा राजनीतिक गठबंधन है।

शिरसाट ने कहा कि यह सभा कोई राजनीतिक रैली नहीं थी, क्योंकि अगर यह राजनीतिक सभा होती, तो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य घटक दल एनसीपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी इसमें शामिल होते। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे चुनाव में साथ नहीं आ सकते हैं। यह सब सिर्फ बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा "राजनीतिक खेल" है।

उल्लेखनीय है कि ‘विजय रैली’ में उद्धव ठाकरे ने कहा, "हमारे बीच की दूरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खत्म किया। अब मैं उम्मीद करता हूं कि वह हमें बांटने की कोशिश नहीं करेंगे। हम साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को जबरन थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उद्धव ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि वह अपने सहयोगियों का इस्तेमाल सिर्फ अपने फायदे के लिए करती है।

उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने इस पाखंड के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अब हम दोनों (उद्धव और राज) मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे। भाजपा का काम इस्तेमाल करना और फेंकना है। अगर बाला साहेब ठाकरे का आशीर्वाद भाजपा पर नहीं होता, तो ये लोग कहां होते?"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   5 July 2025 7:06 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story