संसद में गूंजा गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर का मामला, सांसद मंजू शर्मा ने की स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने की मांग

संसद में गूंजा गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर का मामला, सांसद मंजू शर्मा ने की स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने की मांग
संसद में गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर का मुद्दा सांसद मंजू शर्मा ने प्रमुखता से उठाया है। सांसद मंजू शर्मा ने इन पवित्र स्थलों के संरक्षण और विकास की मांग की।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद में गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर का मुद्दा सांसद मंजू शर्मा ने प्रमुखता से उठाया है। सांसद मंजू शर्मा ने इन पवित्र स्थलों के संरक्षण और विकास की मांग की।

सांसद मंजू शर्मा ने केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना में इन दोनों स्थलों को शामिल करने का आग्रह किया, ताकि इन्हें धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में आधुनिक स्वरूप दिया जा सके। मंजू शर्मा ने कहा कि गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर देश–विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं, इसलिए इनके विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

उन्होंने इन स्थानों पर रोपवे की सुविधा, सुगम यातायात व्यवस्था और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित किए जाने पर विशेष बल दिया। इसके साथ ही, उन्होंने वन और पर्यावरण विभाग से इन परियोजनाओं के लिए जल्द से जल्द एनओसी जारी करने की भी मांग रखी, ताकि विकास कार्य बिना बाधा आगे बढ़ सकें।

संसद में मंजू शर्मा ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना में गलता तीर्थ और सूर्य मंदिर को भी जोड़ा जाना चाहिए। मेरे प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कुछ धार्मिक स्थल ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में वरिष्ठजनों को वहां तक जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मंजू शर्मा ने कहा कि ऐसी जगहों पर रोपवे जैसी व्यवस्था होनी चाहिए, और इसके लिए वन एवं पर्यावरण विभाग से जो अनुमति नहीं मिल पाती, वह जल्द से जल्द मिले, ताकि वहां पर व्यवस्थाएं विकसित हो सकें और अधिक से अधिक लोग वहां जा सकें।

उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो वहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। ऐसे में पर्यावरण और वन विभाग की तरफ से हो रही देरी को दूर किया जाए।

गलता तीर्थ जयपुर के पास अरावली की पहाड़ियों में स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है, जिसे गलताजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, सूर्य मंदिर शहर की पूर्वी पर्वत श्रृंखला, गलता पहाड़ियों पर स्थित है। स्थानीय लोग इसे सूर्य मंदिर ही कहते हैं। यह जयपुर के सबसे प्रसिद्ध विरासत मंदिरों में से एक है।

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Created On :   4 Dec 2025 8:24 PM IST

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