विज्ञान/प्रौद्योगिकी: सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता वरिष्ठ सरकारी अधिकारी

सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता वरिष्ठ सरकारी अधिकारी
गुजरात की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रमुख सचिव, मोना खंडार ने गुरुवार को कहा कि मजबूत सेमीकंडक्टर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) सेक्टर में भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने, इनोवेशन को बढ़ाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की क्षमता है।

गांधीनगर, 27 फरवरी (आईएएनएस)। गुजरात की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रमुख सचिव, मोना खंडार ने गुरुवार को कहा कि मजबूत सेमीकंडक्टर एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) सेक्टर में भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने, इनोवेशन को बढ़ाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की क्षमता है।

5 मार्च से गुजरात के गांधीनगर में शुरू होने वाले इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) विजन समिट के 19वें संस्करण के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, खंडार ने कहा कि तीन दिवसीय सेमीकंडक्टर समिट भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस इवेंट का उद्देश्य वैश्विक निवेश आकर्षित करना और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भारत की पॉजिशन मजबूत करना है।

इस समिट की थीम 'सिलिकॉन गुजरात: भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति को शक्ति प्रदान करना' रखा गया है।

अगले महीने से शुरू होने वाले इस समिट में वैश्विक निवेश को आकर्षित करने, स्थानीय उद्योगों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करके उन्हें मजबूत करने और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में कौशल विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "सेमीकंडक्टर समिट वैश्विक निवेशकों, उद्योग के नेताओं और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा।"

इस इवेंट का उद्घाटन केंद्रीय आईटी, कम्युनिकेशन और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल करेंगे।

सेमीकंडक्टर समिट में सेक्टर के लिए राज्य और केंद्र सरकार के समर्थन से कई नई पहलों की भी घोषणा होने की उम्मीद है।

समिट के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसमें माइक्रोन द्वारा किया गया एक समझौता भी शामिल है, जो गुजरात में जिम्मेदारी से संचालन करते हुए वैश्विक पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा।

इस कार्यक्रम में भारत के सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के भविष्य को आकार देने के लिए शीर्ष सरकारी अधिकारियों, उद्योग के नेताओं, एमएसएमई, स्टार्टअप और अकादमिक विशेषज्ञों सहित 1,500 से अधिक प्रतिनिधि एक साथ आएंगे।

प्रतिनिधियों को धोलेरा और साणंद में उभरते सेमीकंडक्टर क्लस्टरों का दौरा करने का अवसर भी मिलेगा, जो भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में प्रमुख केंद्र होने की उम्मीद है।

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Created On :   27 Feb 2025 7:24 PM IST

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