अंतरराष्ट्रीय: दक्षिण कोरिया इस्तीफे की मांग के बीच सतारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष ने अचानक रद्द की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दक्षिण कोरिया  इस्तीफे की मांग के बीच सतारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष ने अचानक रद्द की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया। इस संवाददाता सम्मेलन में वह अपने इस्तीफे की घोषणा करने वाले थे।

सोल, 15 दिसंबर (आईएएनएस) । दक्षिण कोरिया की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष ने रविवार को पार्टी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया। इस संवाददाता सम्मेलन में वह अपने इस्तीफे की घोषणा करने वाले थे।

राष्ट्रपति यून सूक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होन के बाद पीपीपी अध्यक्ष हान दोंग-हून के इस्तीफे की मांग भी जोर पकड़ रही है।

इससे पहले हान ने अपने इस्तीफे की मांग के जवाब में अपने कर्तव्यों को जारी रखने की बात कही थी।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पीपीपी की सर्वोच्च परिषद के सभी पांच निर्वाचित सदस्यों की तरफ से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर करने बाद से हान पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।

हान ने गुरुवार को यून के महाभियोग के लिए समर्थन व्यक्त किया, जबकि इससे पहले उन्होंने यून के 'व्यवस्थित' इस्तीफे की मांग की थी।

दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली ने शनिवार को राष्ट्रपति यून सूक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया था।

यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव 204-85 मतों से पारित हुआ। तीन सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया और आठ वोट अवैध थे। वोटिंग में सभी 300 सांसदों ने अपने वोट डाले।

नतीजा बताता है कि 12 पीपीपी सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान करने के लिए अपनी पार्टी लाइन से अलग हटकर मतदान किया।

प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुरत थी। इसमें विपक्षी गुट के पास संसद के 300 सदस्यों में से 192 सदस्य थे।

महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद यून को निलंबित कर दिया गया जबकि प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया।

बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।

मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   15 Dec 2024 5:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story