बाजार: सरकार ने वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 5 गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा

सरकार ने वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 5 गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8 अरब डॉलर की है, लेकिन सरकार वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अब देश की हिस्सेदारी पांच गुना बढ़ाने का लक्ष्य तय कर रही है।

अहमदाबाद, 5 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8 अरब डॉलर की है, लेकिन सरकार वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अब देश की हिस्सेदारी पांच गुना बढ़ाने का लक्ष्य तय कर रही है।

मंत्री ने कहा, “हमारा अनुमान है कि 2040 तक भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था कई गुना बढ़ जाएगी। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार, एडीएल (आर्थर डी लिटिल) रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हमारे पास 2040 तक 100 अरब डॉलर की क्षमता हो सकती है।”

केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने यहां इन-स्‍पेस के तकनीकी केंद्र का शुभारंभ करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की लंबी छलांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसी निर्णय के बाद ही संभव हो पाई है।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए खोलकर अतीत की वर्जनाओं को तोड़ दिया है।"

मंत्री ने कहा : “चार से पांच साल पहले, हमारे पास अंतरिक्ष क्षेत्र में केवल एक अंक के स्टार्टअप थे, आज इस क्षेत्र के खुलने के बाद हमारे पास लगभग 200 निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं, जबकि पहले वाले भी उद्यमी बन गए हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर 2023 तक निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप द्वारा 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।”

केंद्रीय मंत्री ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को "अनलॉक" करके और एक सक्षम माहौल प्रदान करके भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को उनके संस्थापक पिता विक्रम साराभाई के सपने को साकार करने में सक्षम बनाने के लिए पीएम मोदी को पूरा श्रेय दिया, जिसमें भारत की विशाल क्षमता और प्रतिभा को एक आउटलेट मिल सके और बाकी दुनिया के लिए खुद को साबित किया जा सके।

उन्होंने कहा, “भले ही देश में प्रतिभा की कभी कमी नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में एक सक्षम माहौल की कमी हो गई थी। अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के साथ आम जनता चंद्रयान-3 या आदित्य जैसे मेगा अंतरिक्ष कार्यक्रमों को देखने में सक्षम हुई है।”

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Created On :   5 March 2024 11:00 PM IST

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