राष्ट्रीय: बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले सरगर्मी बढ़ी, राजद और जदयू में चरम पर तल्खी

बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले सरगर्मी बढ़ी, राजद और जदयू में चरम पर तल्खी
लोकसभा चुनाव के पहले ही बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राजद और जदयू के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जन्मशताब्दी के मौके पर परिवारवाद को लेकर बयान दिया, उसके बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल साइट पर पलटवार किया।

पटना, 25 जनवरी (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले ही बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राजद और जदयू के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जन्मशताब्दी के मौके पर परिवारवाद को लेकर बयान दिया, उसके बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल साइट पर पलटवार किया।

हालांकि, रोहिणी ने एक्स पर लिखी बात को फिर डिलीट कर दिया। रोहिणी ने एक्स पर बिना किसी के नाम लिए लिखा कि समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है।

इसके बाद उन्होंने आगे लिखा, खीज जताए क्या होगा जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले जब खुद की नीयत में ही हो खोट। रोहिणी यहीं तक नहीं रूकी। उन्होंने आगे लिखा कि अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां। लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां।

माना जा रहा कि रोहिणी ने एक्स के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। हालांकि, रोहिणी ने कुछ ही घंटे बाद एक्स पर लिखी बातें डिलीट कर दी।

इधर, नीतीश मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में भी राजद और जदयू में दूरियां दिखी। सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक में किसी से कोई बात नहीं की। ऐसे में साफ है कि राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है।

नीतीश के फिर से पलटने की चर्चा सियासत में खूब हो रही है। वैसे, नीतीश के लिए यू टर्न कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी नीतीश पलटते रहे हैं। वर्ष 2013 में जदयू ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ दिया था। राजद और कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। इसके बाद 2017 में जदयू फिर से भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हो गई और 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ लड़ी।

इसके बाद अगस्त, 2022 में नीतीश कुमार ने फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन के साथ होकर मुख्यमंत्री बन गए।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी साफ तो कुछ नहीं कहते हैं। लेकिन, इतना जरूर कहते हैं कि इंडिया गठबंधन बनाने में हमारे नेता ने मुख्य भूमिका निभाई। सीट बंटवारा नहीं होने से सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ रही है।

भाजपा के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने परिवारवाद पर निशाना साधा तो राजद परिवार बौखला गया है।

--आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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Created On :   25 Jan 2024 6:48 PM IST

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