धर्म: भाजपा के घोषणापत्र में यूसीसी मनु गौड़ ने की सराहना, कहा - 'उत्तराखंड का कानून केंद्र के लिए खाका हो सकता है'
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया और 2024 में सत्ता में वापसी के बाद 'लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा' सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का वादा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संकल्प पत्र' विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभों - युवा, महिला, गरीब और किसान को सशक्त बनाने की पार्टी की प्रतिज्ञा है।
पूरे भारत में यूसीसी लागू करने के भाजपा के चुनावी वादे पर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं।
उत्तराखंड यूसीसी की मसौदा समिति के सदस्यों में से एक मनु गौड़ ने यूसीसी के लिए पार्टी की वकालत की सराहना की है और कहा है कि राज्य मॉडल केंद्रीय स्तर पर कानून के आधार के रूप में काम कर सकता है।
आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में मनु गौड़ ने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी मसौदा लगभग 20 महीनों तक व्यापक सार्वजनिक पहुंच और विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया था।
इसमें कानून में एकरूपता के लगभग सभी पहलुओं को शामिल किया गया और सभी वर्गों की चिंताओं का निवारण किया गया और इसलिए यह केंद्र के लिए आदर्श ब्लूप्रिंट के रूप में काम कर सकता है।
उत्तराखंड यूसीसी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि कानून में कुछ विशिष्ट प्रावधान थे, इसलिए राष्ट्रपति की सहमति की जरूरत थी।
इस साल की शुरुआत में उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने विवाह, तलाक, विरासत और अन्य नागरिक मुद्दों को नियंत्रित करने वाले धार्मिक व्यक्तिगत कानूनों की जगह लेते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की।
टैक्सपेयर्स एसोसिएशन ऑफ भारत (टीएएक्सएबी) के अध्यक्ष मनु गौड़ ने भाजपा के 2024 घोषणापत्र में यूसीसी को शामिल करने की सराहना की। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''उत्तराखंड की तरह जल्द ही पूरे भारत में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।''
उन्होंने आईएएनएस को बताया कि यूसीसी कानून पूरे देश में सभी समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और अधिक के संबंध में एक समान कानून स्थापित करना चाहता है।
उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि इससे समाज में नफरत और धार्मिक वैमनस्य फैलेगा।
गौड़ यूसीसी के लिए नियम बनाने वाली 9 सदस्यीय समिति का भी हिस्सा हैं, उन्होंने आईएएनएस को बताया कि कानून को आसान और लोगों के अनुकूल लागू करने की सुविधा के लिए एक व्यापक रूपरेखा पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों को बिना किसी परेशानी के शिकायत दर्ज कराने की सुविधा देने के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 के प्रावधानों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
उम्मीद है कि उत्तराखंड का यूसीसी गुजरात और असम सहित अन्य राज्यों के लिए भी खाका बनेगा, जिन्होंने कानून को लागू करने का वादा किया है।
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Created On :   14 April 2024 7:50 PM IST