शिक्षा: यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार सेवानिवृत्त, आईआईटी व सेमीकंडक्टर्स में देते रहेंगे योगदान

यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार सेवानिवृत्त, आईआईटी व सेमीकंडक्टर्स में देते रहेंगे योगदान
यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। वह बीते तीन सालों से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन थे।

नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। वह बीते तीन सालों से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन थे।

प्रोफेसर कुमार के इस कार्यकाल में यूजीसी ने कई बड़े बदलाव देखे हैं। इनमें विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए पॉलिसी बनाना और विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है। वह अब भारत को सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहयोग कर सकते हैं। प्रोफेसर कुमार ने अपनी सेवानिवृत्ति की पुष्टि की है। हालांकि फिलहाल यह तय नहीं है कि अब उनकी अगली भूमिका क्या होगी।

इससे पहले वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रह चुके हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से एमएस (ईई) और पीएचडी (ईई) की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपना पोस्ट डॉक्टरल शोध वाटरलू, ओंटारियो, कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में किया। वे आईआईटी दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर रहे हैं। वे वर्तमान में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष थे।

वह आईआईटी दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर भी थे। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, में जनवरी 2016 से फरवरी 2022 तक विश्वविद्यालय के 12वें कुलपति रहे हैं। प्रोफेसर कुमार अभी भी आईआईटी दिल्ली में पढ़ाते हैं। उन्होंने फिलिप्स सेमीकंडक्टर्स, नीदरलैंड द्वारा आईआईटी दिल्ली में स्थापित एनएक्सपी (फिलिप्स) चेयर प्रोफेसर का पद संभाला है। उन्हें आईआईटी दिल्ली से 2013 में शिक्षण में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार मिला था।

वह नैनोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, नैनोस्केल डिवाइस मॉडलिंग और सिमुलेशन, इनोवेटिव डिवाइस डिज़ाइन और पावर सेमीकंडक्टर डिवाइस के क्षेत्र में काम करते रहे हैं। उन्होंने तीन पुस्तकों, चार पुस्तक अध्यायों और रेफरीड पत्रिकाओं और सम्मेलनों में 250 से अधिक प्रकाशनों के साथ उपरोक्त क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रकाशन किया है। उनके शोध के आधार पर कई पेटेंट आवेदन दायर किए गए हैं।

वे आईईईई जर्नल ऑफ द इलेक्ट्रॉन डिवाइसेस सोसाइटी सहित कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में हैं और आईईटीई टेक्निकल रिव्यू के प्रधान संपादक हैं। वे नौ वर्षों तक आईईईई ट्रांजेक्शन ऑन इलेक्ट्रॉन डिवाइसेस के संपादक रहे। वे भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत और इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियर्स संस्थान, भारत के फेलो हैं। उन्हें सेमीकंडक्टर डिवाइस डिजाइन और मॉडलिंग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 29वें आईईटीई रामलाल वाधवा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था।

उन्हें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर एसोसिएशन द्वारा दिया जाने वाला पहला टेक्नोमेंटर पुरस्कार भी मिला, जो एक प्रतिष्ठित भारतीय शिक्षाविद और शोधकर्ता को संरक्षक और शोधकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दिया जाता है। उन्हें पेशेवर उपलब्धियों के सम्मान में 2008 आईबीएम फैकल्टी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 April 2025 10:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story