विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में शामिल हुए एस जयशंकर, मोबिलिटी और पासपोर्ट सेवा पर बताया भारत का रुख
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर नई दिल्ली में आयोजित विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में शामिल हुए। इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के सहयोग से किया गया, जिसकी थीम 'द मोबिलिटी इम्पेरेटिव' थी। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने डिजिटल शासन, भारत में पासपोर्ट सेवा, प्रवासियों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "मुझे लगता है कि जब हम बाहरी दुनिया के साथ जुड़ते हैं, तो आर्थिक जुड़ाव की बात करते हैं, हम असल में व्यापार पर ही फोकस करते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन हम अक्सर काम से जुड़ी आवाजाही को नजरअंदाज कर देते हैं। पिछले साल, भारत में रेमिटेंस 135 बिलियन डॉलर था। यह अमेरिका को हमारे एक्सपोर्ट का लगभग दोगुना है।"
बता दें, रेमिटेंस उस पैसे को कहते हैं जो कोई व्यक्ति विदेश में काम करके स्वदेश में अपने परिवार को भेजता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बात सिर्फ रेमिटेंस की नहीं है। विदेश में रहने वाले लोगों की अपनी रोजी-रोटी, उन्होंने वहां जो संपत्ति बनाई है, और भारत में जो सेवाएं बनी हैं, इन सबके दूसरे, तीसरे स्तर के परिणाम हैं। और मैं यह आप पर छोड़ता हूं कि आप असल में सोचें कि इस व्यापार का साइज क्या है, जिसे मोबिलिटी कहते हैं। यह साफ तौर पर रेमिटेंस से कई गुना ज्यादा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह एक सकारात्मक पहलू है। जिंदगी में, इसका एक नकारात्मक पहलू भी है। जब आवाजाही वैध और औपचारिक होती है, तो इसके बहुत सारे सकारात्मक असर होते हैं, लेकिन जब ऐसा नहीं होता है, तो यह हर तरह के बुरे व्यापार को बढ़ावा देता है। आप तस्करी का उदाहरण ले सकते हैं, लेकिन आपने आज मोबिलिटी के महत्व को पहचाना है; मेरे लिए यह संतुष्टि की बात है।
भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि मोबिलिटी के कई पहलू हैं। एक है डेमोग्राफी। ऐसी जगहें हैं जहां डिमांड है, लेकिन वहां काफी लोग नहीं हैं। यहां डेमोग्राफी और डिमांड बेमेल हैं। दूसरा, कुछ हद तक, कॉम्पिटिशन और टैलेंट है, और तीसरा काम के प्रति सामाजिक नजरिया है। कई मामलों में लोग उस खास तरह का काम नहीं करना चाहते, या वे उस कीमत पर और उस संख्या में उन हालातों में नहीं करना चाहते। मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक जरूरी फैक्टर बनता जा रहा है।
पासपोर्ट सेवा को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, "10 साल पहले, अगर आपको पासपोर्ट चाहिए होता था, तो मुझे लगता है, भारत में 77 जगहें थीं जहां आप आवेदन कर सकते थे। आज, पिछले 10 सालों में, हमने ऐसी 468 और जगहें जोड़ी हैं। आज भारत का लगभग कोई भी नागरिक ज्यादा से ज्यादा कुछ घंटों का सफर करके पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकता है। 10 साल पहले की तुलना में, जब आपको पासपोर्ट बनवाने के लिए एक अच्छे-खासे शहर में जाना पड़ता था और शायद कुछ दिन बिताने पड़ते थे। पासपोर्ट से ही आपकी मोबिलिटी शुरू होती है, इंटरनेशनल मोबिलिटी शुरू होती है।"
उन्होंने कहा कि इस देश में पासपोर्ट बनवाना बहुत मुश्किल काम हुआ करता था। जब हममें से कई लोग विदेशी सेवा में शामिल हुए, तो आपके इलाके के लोगों ने कहा, "अब हम किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो हमें पासपोर्ट बनवाने में मदद करेगा।"
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि आज हम जिस रफ्तार से पासपोर्ट बनाते हैं, उसने हमारे पासपोर्ट प्रोग्राम को डिजिटल गवर्नेंस का पोस्टर चाइल्ड बना दिया है।
उन्होंने कहा कि पहले अगर आपका पासपोर्ट खो जाता था, तो, आप जानते हैं, इसे विदेश में बदलवाना या रिन्यू करवाना बहुत मुश्किल होता था। और अगर आप एक देश में रहते थे, तो आप इसे दूसरे देश में नहीं करवा सकते थे। अब, वह खत्म हो गया है। आज आप कहीं भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको अपना पासपोर्ट रिन्यू करने या पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए अपने गृह राज्य या अपने जिला या अपने होमटाउन जाने की जरूरत नहीं है। आप इसे कहीं से भी कर सकते हैं।
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Created On :   3 Dec 2025 2:26 PM IST












