विधानसभा उपचुनाव 2025: गुजरात -पंजाब में उपचुनाव में मिली हार, कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे के बाद पार्टी में सामने आई गुटबाजी

गुजरात -पंजाब में उपचुनाव में मिली हार, कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे के बाद पार्टी में सामने आई गुटबाजी
  • कांग्रेस में गुजरात में अभी भी गुटबाजी हावी
  • कांग्रेस के लिए उपचुनाव के नतीजे अच्छे नहीं रहे
  • हार की जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात में गोहिल और पंजाब में आशु ने पद से दिया इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल, गुजरात ,पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं। गुजरात की दो सीटों के उपचुनाव में से एक बीजेपी और एक आप पार्टी के खाते में गई है। वहीं पंजाब की एक सीट पर हुए उपचुनाव में आप पार्टी की जीत हुई। गुजरात और पंजाब दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव में जीत के साथ सत्ता में वापसी के दावे करती आ रही कांग्रेस के लिए उपचुनाव के नतीजे भी अच्छे नहीं रहे। उपचुनाव में इसे कांग्रेस के लिए एक बार फिर बड़ा झटका माने जा रहा हैं।

गुजरात और पंजाब की दोनों ही राज्यों की तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव में शून्य पर सिमटी कांग्रेस में चुनावी नतीजों के बाद एक बार फिर गुटबाजी की खबर खुलकर सामने आ रही है। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने उपचुनाव में मिली हार के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। गुजरात के साथ साथ लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे भारत भूषण आशु ने नतीजे आने के बाद कुछ घंटों के भीतर ही पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा हमारी टीम ने अपनी पूरी क्षमता से चुनाव लड़ा, लेकिन हार हुई। आशु के इस्तीफे के पीछे गुटबाजी और हार के बाद पार्टी पर कमजोर पड़ी पकड़ को भी वजह ठहराया जा रहा है।

आपको बता दें भारत भूषण आशु पंजाब कांग्रेस के पुराने चेहरों में से एक हैं। आशु की पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के साथ समय समय पर अनबन सामने आती रहती है। इसके अलावा पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के साथ भी समय समय पर उनके साथ मनमुटाव की खबरें सामने आती रहती है। यहीं नहीं आशु ने दोनों नेताओं से प्रचार में दूर रहने को भी कहा, पार्टी आलाकमान ने ऐसा ही किया। लेकिन फिर भी उपचुनाव हार गए।

राजनीतिक गलियारों में माना जाता है कि गुजरात कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी हावी है। शक्ति सिंह गोहिल, पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी, स्वर्गीय अहमद पटेल के समर्थक नेताओं का अपना अपना धड़ा है, अपना अपना गुट है। इन तीन गुटों के अलावा भी पार्टी के कई छोटे-छोटे गुटों में बंटी हुई है। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी तीन बार गुजरात का दौरा कर चुके है। लेकिन नेताओं के आपसी झगड़े और गुटबाजी खत्म को सुलझाने में वो नाकाम रहे है।

Created On :   24 Jun 2025 5:39 PM IST

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