झारखंड में सत्ता खोने के बाद, मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की हलचल शुरू

Jharkhand assembly election result modi cabinet bjp
झारखंड में सत्ता खोने के बाद, मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की हलचल शुरू
झारखंड में सत्ता खोने के बाद, मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की हलचल शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की हलचल शुरू हो गई है। सहयोगी दलों खासकर जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) और अन्ना द्रमुक (एआईएमडीके) को मोदी कैबिनेट में शामिल करने के लिये इन दोनों दलों से बातचीत भी शुरू हो गई है। केंद्र सरकार से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। अभी मोदी मंत्रिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और अकाली दल के प्रतिनिधि ही हैं।

उन्होंने कहा कि पहले ये विस्तार संसद के शीत कालीन सत्र के बाद किया जाना था। लेकिन खरमास की वजह से अब विस्तार जनवरी के तीसरे सप्ताह तक टाल दिया गया है। संगठन से लेकर केंद्र स्तर पर इसके लिए मन्त्रणा शुरू हो गई है और संघ से भी सुझाव मांगा गया है। जानकारी के मुताबिक इस विस्तार में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी होगी। इसका मूल्याकंन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में किया था। कहा गया है कि जिन मंत्रियों के पास दो से ज्यादा विभाग हैं, उनका भार कम किया जाएग। ऐसे पांच मंत्री हैं जिनके पास दो या दो से ज्यादा मंत्रालय हैं।

सूत्रों ने बताया कि जिन मंत्रियों का प्रदर्शन उम्दा रहा है, उन्हें प्रोन्नत किया जाएगा। संगठन से भी कुछ लोगों को मत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। कुछेक मंत्रियों को संगठन में भेजा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पहले मंत्रिमण्डल विस्तार होगा, फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। गौरतलब है कि कुछ बड़े राज्यों में संगठन चुनाव नही होने की वजह से केंद्र में संगठन का चुनाव मकर संक्रांति के बाद तक टाल दिया गया है। सूत्र के मुताबिक, संसद के बजट सत्र से कम से कम 10 दिन पहले इस काम को अंजाम दिया जाना है, ताकि नये मंत्रियों को बजट सत्र में तैयारी का भरपूर मौका मिले। मंत्रिमंडल में 10 से 12 नए लोगो को जगह मिलेगी।

बताया ये जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार अक्तूबर में ही प्रस्तावित था। लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव की वजह से इसे टाल दिया गया था। इस बार के विस्तार में जद-यू और दक्षिण के कुछ सहयोगी दलों को मौका मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि जद-यू दो केबिनेट और एक राज्यमंत्री की अपनी पुरानी मांग पर अड़ी है। इस बावत आरंभिक बातचीत की जिम्मेदारी भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव को सौंपी गई है। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि टीआरएस और बीजू जनता दल (बीजद) को भी मत्रिमंडल में शामिल होने के लिए मनाया जाए। शिवसेना के राजग से निकलने के बाद भाजपा आलाकमान अब सहयोगी दलों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना चाहता है और इन दलों से बात चल रही है।

माना जा रहा है कि मंत्रिपरिषद में कई बड़े विभाग संभाल रहे कुछ मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है, वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को हटाने के साथ विभाग बदले भी जा सकते हैं। अभी मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं। नियम है कि लोकसभा की कुल संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 81 मंत्री हो सकते हैं। पिछली सरकार में 70 मंत्री थे। इसका मतलब है कि कम से कम एक दर्जन मंत्रियों की जगह खाली है। ऐसे में 10 से 12 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। विस्तार में उत्तर प्रदेश से अपना दल, तमिलनाडु से अन्ना द्रमुक भी जगह मिल सकती है।

गौरलतब है कि मंत्रियों की समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले मंत्रियों को उनका दायित्व समझाते हुए कहा कि दूसरी बार भी अगर जनता ने सिर आंखों पर बैठाया है तो काम करने के लिए। उन्होंने सभी विभागों से पिछले छह महीनों के काम का हिसाब लिया, वहीं आगे की योजना के बारे में भी पूछा था। सूत्रों ने बताया कि मिशन 2022 को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं जनकल्याणकारी योजनाओं में और तेजी लाने लिए युवा और तेजतर्रार लोगों को शामिल किया जा सकता है। ऐसे में इस विस्तार में पेशेवर लोगों को भी जगह मिल सकती है। विस्तार में कर्नाटक, तमिलनाडु ,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र को और अधिक प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

Created On :   26 Dec 2019 8:11 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story