आत्मनिर्भर भारत: PM बोले- कोरोना संकट ने दिया आत्मनिर्भर बनने का सबक, देश आयात को करेगा कम

आत्मनिर्भर भारत: PM बोले- कोरोना संकट ने दिया आत्मनिर्भर बनने का सबक, देश आयात को करेगा कम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (18 जून) को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए 41 कोयला ब्लॉक के नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने खनन क्षेत्र के अलावा कोरोना संकट का जिक्र करते हुए एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। पीएम ने देश को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना संकट ने देश को आत्मनिर्भर बनने का सबक दिया है। अब भारत दूसरे देशों पर निर्भर होना कम करेगा। जिन चीजों का हम निर्यात करते थे उनका अपने ही देश में निर्माण करेंगे।

कोरोना वायरस आपदा को अवसर में बदलेगा भारत
पीएम मोदी ने कहा, भारत कोरोना से लड़ेगा और आगे बढ़ेगा और इस बड़ी आपदा को अवसर में भी बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत होने का सबक दिया है। आत्मनिर्भर भारत यानि- देश आयात (Import) पर अपनी निर्भरता कम करेगा। इस पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। भारत को कोई भी चीज इंपोर्ट न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा। 

कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से बाहर निकाल रहे हैं- पीएम 
वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला खदानों की नीलामी के उद्घाटन संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, महीने भर के भीतर ही हर घोषणा, रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के सेक्टर में हो, तेजी से जमीन पर उतर रहे हैं, ये दिखाता है कि भारत कोरोना संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर और प्रतिबद्ध है। आज हम सिर्फ वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा...

  • 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, हमने वो करके दिखाया। ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती मिली है। वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए आज जो नीलामी की शुरुआत हो रही है वो हर हितधारकों के लिए फायदेमंद स्थिति है। इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने निवेश के लिए अब नए साधन और नया मार्केट मिलेगा।
     
  • कोयला रिफॉर्म करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा गया कि वातावरण की रक्षा भारत का कमिटमेंट कहीं से भी कमजोर न पड़े। कोयला से गैस बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नोलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से वातावरण की भी रक्षा होगी।
     
  • हमने लक्ष्य रखा है कि, 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई किया जाए। इसके लिए चार प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे। देश में 16 आकांक्षात्मक जिले ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं। लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में रोजगार के लिए प्रवास करते हैं। कोयला निकालने से लेकर परिवहन तक को बेहतर बनाने के लिए जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, उससे भी रोजगार के अवसर बनेंगे, वहां रहने वालों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

 

 

  • आज भारत के उद्योग, व्यापारी जगत को, सर्विस सेक्टर लीड करने वाले लोगों के लिए इतिहास को बदलने का मौका आया है। हमें इस अवसर को नहीं छोड़ना है। आइए भारत को आत्मनिर्भर बनाएं। मामला तो कोयला का है हीरे का सपना देखकर चलना है। आप अपना विश्वास और हौसला बुलंद रखिए, हम आत्मनिर्भर भारत बन सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की जो यात्रा 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, उसमें आप सभी उसके बहुत बड़े भागीदार हैं।

 

Created On :   18 Jun 2020 5:51 AM GMT

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