मास्टर प्लान 2041 में बढ़ी हुई एफएआर के प्रावधान के साथ मौजूदा कॉलोनियों के पुनर्जनन के लिए बनेंगी नीतियां

Policies will be made for regeneration of existing colonies with provision of increased FAR in Master Plan 2041
मास्टर प्लान 2041 में बढ़ी हुई एफएआर के प्रावधान के साथ मौजूदा कॉलोनियों के पुनर्जनन के लिए बनेंगी नीतियां
नई दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में बढ़ी हुई एफएआर के प्रावधान के साथ मौजूदा कॉलोनियों के पुनर्जनन के लिए बनेंगी नीतियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मास्टर प्लान 2041 में मौजूदा कॉलोनियों के पुनर्जनन के लिए नीतियां, लैंड पूलिंग के जरिए ग्रीनफील्ड विकास और फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के प्रावधान के साथ हरित विकास क्षेत्र नीति शामिल होगी। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को कहा कि मास्टर प्लान 2041, जो अब अंतिम चरण में है, दिल्ली के विकास के एक नए युग की शुरूआत करने के लिए एक दूरदर्शी दस्तावेज होने जा रहा है।

मास्टर प्लान में आवास के पुनर्जनन के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली शहर का एक निर्मित रूप है, जो 50 साल से अधिक पुराना है। डीडीए द्वारा 1970 के दशक में विकसित हाउसिंग कॉलोनियों में हौज खास, शेख सराय, मालवीय नगर, मुनिरका, राजिंदर नगर आदि हैं। 1962 की योजना में 1981 तक ग्रुप हाउसिंग का एफएआर 133 था, जिसे 2001 की योजना में बढ़ाकर 167 कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि पुनर्जनन के प्रावधान को एमपीडी 2041 के मसौदे में शामिल किया गया है, जो दिल्ली के लोगों को उनके रहने की स्थिति को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए उन्नत एफएआर के प्रावधान के साथ उनकी पुरानी जीर्ण-शीर्ण संरचना का पुनर्विकास/पुनर्निर्माण करने में मदद करेगा। उपरोक्त प्रावधान आवासीय इकाई के आकार/आवास इकाइयों की संख्या में वृद्धि और परिवार के आकार और जनसंख्या में वृद्धि, लेआउट में सुधार, सड़क नेटवर्क योजना के माध्यम से पहुंच और पाकिर्ंग में सुधार को पूरा करने के लिए शौचालयों की पूर्ति करेंगे।

हरदीप पुरी ने ग्रीनफील्ड विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने कहा, ग्रीनफील्ड विकास को बढ़ावा देने के लिए लैंड पूलिंग के माध्यम से शहरी विस्तार क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया गया है, जहां सार्वजनिक निजी भागीदारी द्वारा क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।

लैंड पूलिंग पोर्टल फरवरी 2019 में लॉन्च किया गया था और अब तक, भूमि मालिकों से योजना में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करते हुए 7087 आवेदन प्राप्त हुए हैं। अब तक, लगभग 7400 हेक्टेयर भूमि को पूल किया जा चुका है। कंसोर्टियम बनाने के लिए छह क्षेत्रों में नोटिस जारी किए गए हैं, जहां 70 प्रतिशत से अधिक भूमि मालिकों ने अपनी इच्छा दिखाई है।

मंत्री ने कहा कि, नीति का कार्यान्वयन, एक सतत हितधारक परामर्श प्रक्रिया में है। इन परामर्श के दौरान, विभिन्न प्रारंभिक समस्याओं जैसे भूमि का नामांतरण, स्टाम्प शुल्क, जमा की गई 70 प्रतिशत भूमि की निकटता आदि की पहचान की गई है। लैंड पूलिंग के कार्यान्वयन में इन बाधाओं को हल करने के लिए, सरकार ने डीडी अधिनियम 1957 में संशोधन के माध्यम से लैंड पूलिंग के प्रतिभागियों को सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसमें अनिवार्य पूलिंग की अवधारणा प्रस्तावित की गई है।

(आईएएनएस)

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Created On :   30 Nov 2022 11:00 AM GMT

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