सख्त कार्रवाई के निर्देश: रवि उप्पल की गुमशुदगी पर SC ने कहा - अदालतें खिलौना नहीं हैं, सरकार और ईडी से मांगा जवाब

- ई-स्पोर्ट्स गेम्स के नाम पर ऑनलाइन जुआ चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
- महादेव ऐप घोटाले के आरोपी रवि उप्पल की गुमशुदगी पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
- ऑनलाइन जुआ-सट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और ईडी से मांगा जवाब
New Delhi News. महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप घोटाले के मुख्य आरोपी रवि उप्पल की रहस्यमयी गुमशुदगी पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया कि वह उप्पल का पता लगाकर शीघ्र गिरफ्तार करे। अदालत ने कड़े शब्दों में कहा — “सफेदपोश अपराधियों के लिए अदालतें और जांच एजेंसियां खिलौना नहीं हैं। अब कुछ करना ही होगा।”
दुबई से फरार होने के बाद कोई सुराग नहीं
- ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कोर्ट को बताया कि उप्पल 2023 में दुबई में हिरासत में था, लेकिन बाद में वह वहां से फरार हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आर्थिक अपराधी प्रायः उन देशों में शरण लेते हैं, जहां भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
- कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर के लिए तय की है। पीठ ने आरोपी के वकील से कहा कि वह उप्पल को भारत लौटने और कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए राजी करें।
उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती
शीर्ष अदालत उप्पल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 22 मार्च 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने उप्पल को रायपुर की निचली अदालत में चल रहे धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दाखिल जवाब की प्रति याचिकाकर्ताओं के वकीलों को अग्रिम रूप से दी जाए, ताकि वे भी शीघ्र अपना उत्तर दाखिल कर सकें। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि ई-स्पोर्ट्स के नाम पर चल रहे ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
ऑनलाइन गेमिंग कानून पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई की। पीठ ने सभी याचिकाओं पर केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।
सरकार का नया कानून
- प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025,
- 20 अगस्त को लोकसभा, 21 अगस्त को राज्यसभा से पारित हुआ और 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया।
- इस कानून के तहत रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाया जाएगा।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर सवाल
दिसंबर 2023 में उप्पल को दुबई में गिरफ्तार किया गया था।
इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हुई गिरफ्तारी के बाद उम्मीद थी कि उसे जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा, लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद अब तक उसका कोई ठिकाना नहीं मिला।
ऑनलाइन गेमिंग का पूरा खेल
रवि उप्पल और उसके सहयोगी सौरभ चंद्राकर पर आरोप है कि उन्होंने महादेव ऑनलाइन बुक (Mahadev Online Book) नामक नेटवर्क के जरिए गैरकानूनी सट्टेबाजी, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला ट्रांजेक्शनों का बड़ा जाल खड़ा किया था। ईडी के अनुसार, इस नेटवर्क के जरिए हजारों करोड़ रुपये का लेनदेन देश और विदेश में हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स और जांच एजेंसी की प्रतिक्रिया
सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UAE ने अनौपचारिक रूप से भारत का प्रत्यर्पण (extradition) अनुरोध ठुकराया, बताया गया कारण: आवश्यक दस्तावेज समय पर नहीं पहुंचे।
ED की प्रतिक्रिया के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने इस दावे को पूर्णतः खारिज किया, कहा - “सभी दस्तावेज समय पर जमा किए गए थे, भारत की ओर से कोई चूक नहीं हुई।”
गुमशुदगी की सूचना मिलने पर हड़कंप
नागरिकता कोे बनाया हथियार - उप्पल के पास वानूआतू (Vanuatu) की नागरिकता है — दक्षिण प्रशांत का द्वीपीय राष्ट्र।
कानूनी पेंच- वानूआतू और भारत के बीच प्रत्यर्पण समझौता मौजूद नहीं है, इससे प्रत्यर्पण प्रक्रिया जटिल हो जाती है।
संपत्ति एवं नेटवर्क की बात करें तो सूत्रों के मुताबिक उप्पल और चंद्राकर ने वानूआतू में संपत्तियां खरीदीं और वहीं से अपने नेटवर्क फैलाने की योजना बनाई गई।
एजेंसियों का फ़ोकस
अदालत के आदेश के बाद अब ED अब यह पता लगाने में लगा है कि उप्पल कहां है और क्या उसे वानूआतू या किसी तीसरे देश से लौटा कर पूछताछ संभव है।
आगे क्या हो सकता है
अब संभवतः ED का अगला कदम — (1) इंटरपोल नोटिस/रेड कॉर्नर नोटिस, (2) द्विपक्षीय कूटनीतिक आग्रह, और (3) तीसरे देशों के कानूनी रास्ते तलाशने पर काम कर सकती है।
Created On :   5 Nov 2025 6:53 PM IST












