पांच माह में दहेज उत्पीड़न के चलते गई 18 महिलाओं की जान 

18 women lost their lives due to dowry harassment in five months
पांच माह में दहेज उत्पीड़न के चलते गई 18 महिलाओं की जान 
मुंबई का हाल पांच माह में दहेज उत्पीड़न के चलते गई 18 महिलाओं की जान 

दुष्यंत मिश्र, मुंबई । देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस साल पहले पांच महीनों में ही मुंबई में दहेज उत्पीड़न के चलते 18 महिलाओं की जान जा चुकी है जिनमें से 13 महिलाओं ने परेशान होकर आत्महत्या की है जबकि 5 मामले गैरइरादतन हत्या के हैं। इसी दौरान 379 महिलाओं ने दहेज के लिए मारपीट या मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। साल 2021 के पहले पांच महीनों ने मुंबई में दहेज उत्पीड़न के चलते 11 महिलाओं की जान गई थी जबकि 249 मारपीट या मानसिक उत्पीड़न की शिकार हुईं थीं। 

 हैरानी की बात ये है कि मारपीट और उत्पीड़न के मामलों में आरोपी के नामजद होने के बावजूद मुंबई पुलिस सिर्फ 29 फीसदी मामलों में आरोपियों तक पहुंच पाई है। वहीं वरिष्ठ वकील आभा सिंह के मुताबिक इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दहेज उत्पीड़न के कई मामले आपसी विवाद के बाद पति और उसके परिवार को फंसाने के लिए दर्ज कराए जाते हैं इसलिए पुलिस को ऐसे मामलों में सीधे कार्रवाई के बजाए एहतियात बरतते हुए जांच को आगे बढ़ाना पड़ता है। पढ़ी लिखी लड़कियां परिवार के साथ छोटे मोटे विवाद के बाद भी पुलिस स्टेशनों में जाकर दहेज उत्पीड़न की शिकायत कर देतीं हैं। 

दो सालों में करीब दो गुना ज्यादा केस
साल 2020 में दहेज उत्पीड़न के चलते 23 महिलाओं की जान गई थी और 454 महिलाएं शारीरिक मानसिक उत्पीड़ का शिकार हुईं थीं। जबकि साल 2021 में 24 महिलाओं की दहेज उत्पीड़न के चलते जान गई और 785 ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि इन दो सालों में दहेज को लेकर सीधे हत्या के एक-एक ही मामले ही सामने आए हैं जबकि दूसरे मामले गैरइरादतन हत्या या आत्महत्या के हैं। 
 
किसी भी मामले को सुलझा हुआ तब माना जाता है जब उसमें आरोपी को गिरफ्तार कर आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाए। दहेज उत्पीड़न के मामलों में मिली शिकायतों की छानबीन में एहतियात बरती जाती है और पुख्ता सबूत जुटाकर ही गिरफ्तारी और आरोपपत्र दाखिल करने की कार्रवाई की जाती है इसलिए मामले सुलझने की दर कम दिख रही है-   संजय लाटकर, 

‘दहेज उत्पीड़न के कई मामले आपसी विवाद के बाद पति और उसके परिवार को फंसाने के लिए दर्ज कराए जाते हैं। पढ़ी लिखी लड़कियां परिवार के साथ छोटे मोटे विवाद के बाद भी पुलिस स्टेशनों में जाकर दहेज उत्पीड़न की शिकायत कर देतीं हैं।’   एड.आभा सिंह  वरिष्ठ अधिवक्ता  मुंबई पुलिस के प्रवक्ता 

मुंबई में बढ़ रहा दहेज उत्पीड़न
साल      महिलाओं की गई जान     प्रताड़ित हुईं   
2022(मई तक)    18                     379
2021               24                     785
2020               23                     454
 

Created On :   5 July 2022 9:00 PM IST

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