चिचोली के आरक्षित वन में हजारों पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी

डिजिटल डेस्क, तुमसर (भंडारा) । जिले के तुमसर तहसील के उत्तर-पश्चिम दिशा में चिचोली क्षेत्र में आरक्षित वन का एक बड़ा हिस्सा है। उसमें से सोंडया बीट एवं सोदेपुर क्षेत्र के आरक्षित वन में बड़े पैमाने पर वृक्ष कटाई की जा रही है। इसी तरह चिचोली के सोंडया बीट क्र.1 में आनेवाले आरक्षित वन के 77 आरएफ में अब तक 6 हजार से अधिक पेड़ों की कटाई करने की जानकारी सामने आई है। इस संबंध में पर्यावरण प्रेमी आशुतोष पांडे, संजय टाक को जानकारी मिलते ही उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर पेड़ों की कटाई करनेवाले मजदूरों को रोककर काम बंद कराया। पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त पेड़ों की कटाई यह वन विभाग की अनुमति से ही हो रही है। इससे पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जतायी है। इस संदर्भ में वन विभाग के उपवनसंरक्षक राहुल गवई से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कंपार्टमेंट अवधारणा अंतर्गत वृक्षों की कटाई शुरू है। वन विभाग ने इसकी निविदा साकोली तहसील के पंचशिल आदिवासी जंगल कामगार सहकारी संस्था मर्यादित बाम्हणी को दी गई है। बताया गया है कि आरक्षित वन के कुल क्षेत्रफल में से 140 हेक्टेयर क्षेत्र में 6 हजार 619 वृक्षों को वनोपज के नाम पर काटा जा रहा हंै। विभागीय स्तर पर वन विभाग ने इस आरक्षित क्षेत्र में 23 हजार से अधिक वृक्षों का आधिकारिक तौर पर पंजीकरण किया है। लेकिन वृक्षों की कथित कटाई वृक्ष प्रेमियों के लिए एक अचंभित करने वाला विषय बन गया है। इसलिए कई लोगों ने मौखिक शिकायतें दी है।
क्या है कंपार्टमेंट की अवधारणा?
तुमसर तहसील का 40 प्र.श. क्षेत्र वन से घिरा है। वन विभाग ने यहां कई बीट तैयार कर आरक्षित वन का सीमांकन किया है। आरक्षित वन में विभिन्न प्रजाति के अनेक वृक्ष हैं। इनमें कुछ उपयोगी तो कुछ बहुमूल्य वृक्षों की श्रेणी में आते हंै। किंतु यहां वन विभाग के माध्यम से प्रत्येक 20 वर्ष में शासकीय वनोपज संग्रहण की प्रक्रिया क्रियान्वित की जाती है। इसमें आरक्षित वन के जगह पर कंपार्टमेंट तैयार किया जाता है। उक्त कंपार्टमेंट में आनेवाले पेड़ों का वर्गीकरण कर उनके स्थान, फल देने वाले मातृ वृक्ष, नए वृक्ष के अनुसार किया जाता है। विभागीय जांच की कसौटी पर खरे नहीं उतरने वाले मातृ वृक्षों एवं वृक्षों को छोड़कर अन्य सभी वनोपज श्रेणी में गिने जाते हैं। वर्तमान में चिचोली क्षेत्र में उन्हीं पेड़ों को काटा जा रहा हंै।
वन्य प्राणियों के संचार के बारे में क्या?
तहसील में आरक्षित वन से हजारों पेड़ों की कटाई यह वन्यजीवों की दृष्टि से खतरनाक मानी जा रही हंै। इसमें चिचोली क्षेत्र में वन्यजीव बड़ी संख्या में मुक्त संचार करते है। इसमें हिंसक वन्यजीवों का भी समावेश रहता है। किंतु सोंडया बीट-1 में सोदेपुर क्षेत्र में की जाने वाली वृक्षों की कटाई अपने अंतिम चरण में होकर दिन-ब-दिन सैकड़ों वृक्ष धराशायी हो रहे हैं।
Created On :   11 Feb 2023 5:42 PM IST