42 महीने बाद ऑटो चालक की अंधी हत्या का खुलासा, भाई-भाभी और जीजा गिरफ्तार

Blind murder of auto driver revealed after 42 months, brother-in-law and brother-in-law arrested
42 महीने बाद ऑटो चालक की अंधी हत्या का खुलासा, भाई-भाभी और जीजा गिरफ्तार
सतना 42 महीने बाद ऑटो चालक की अंधी हत्या का खुलासा, भाई-भाभी और जीजा गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क सतना। अपराध पूरी तैयारी और सफाई से करने का भ्रम एक बार फिर तब टूट गया जब कोटर थाना क्षेत्र के गोरइया में 42 महीने पहले हुई ऑटो चालक की अंधी हत्या का पर्दाफाश कर पुलिस ने उसके सगे भाई, भाभी और जीजा को गिरफ्तार कर लिया है। युवक का कत्ल भाभी से नाजायज रिश्ते रखने पर बड़े ने किया था, उसने पत्नी और जीजा के साथ मिलकर लाश ठिकाने लगा दी थी। एसपी आशुतोष गुप्ता ने अंधी हत्या का खुलासा करने पर थाना प्रभारी श्रीराम सनोढिय़ा, एसआई बृजेन्द्र सिंह, एएसआई वीरेन्द्र चौबे, उपेन्द्र परिहार, नरेश सिंह, प्रधान आरक्षक अजीत मिश्रा, प्रवीण तिवारी, देवेन्द्र सेन, मुकेश माझी, आरक्षक धीरज यादव, विपिन द्विवेदी और अर्चना सिंह को 10 हजार के नकद इनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
वाली टीम
क्या है मामला ---
गौरतलब है कि मोहम्मद जिलानी (19) बीते 19 जुलाई 2019 को ऑटो लेकर सतना से घर लौटने के बाद रहस्यमय ढंग से लापता हो गया, जिसकी लाश 5 दिन बाद पोटादास अखाड़ा के पास बने खंडहरनुमा मकान में मिली, लाश को बुरी तरह जलाया गया था, मौके से 2 दस्ताने भी मिले थे। तब मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई, मगर डेढ़ साल तक पुलिस उसकी मौत की वजह का पता नहीं लगा पाई। फॉरेंसिक टीम की कोशिशों के चलते जनवरी 2021 में हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं के तहत कायमी हो पाई। इसके बावजूद हत्यारों का पता लगाने में पुलिस नाकाम रही। विगत दिनों लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान यह मामला सामने आने पर पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने नए सिरे से विवेचना के निर्देश देकर टीम गठित कर दी।
और ऐसे हुआ पर्दाफाश ---
पुलिस टीम ने एक बार फिर परिजनों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों से पूछताछ करने के साथ ही साइबर सेल व मुखबिरों के जरिए साक्ष्य जुटाने शुरू किए, तभी मृतक की भाभी आयशा बानो 26 वर्ष, बड़े भाई मोहम्मद नसीम पुत्र मोहम्मद दाऊद 32 वर्ष, निवासी गोरइया और जीजा मोहम्मद हलीम पुत्र शाकिर 28 वर्ष, निवासी रघुनाथगंज, जिला रीवा, की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं, लिहाजा तीनों को हिरासत में लेकर सवाल-जवाब किए गए। लंबी पूछताछ के बाद अंतत: आरोपियों ने हत्या का जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि मृतक जिलानी और उसकी भाभी आयशा के बीच अवैध संबंध बन गए थे, जिसका पता चलने पर बड़े भाई ने समझाइश दी, मगर वह नहीं माना। 19 जुलाई को नसीम ने जिलानी को पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया और आवेश में आकर टांगी से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतार दिया। फिर पति-पत्नी ने लाश घर में ही छिपा दी और फोन पर हलीम को जानकारी देकर गोरइया बुला लिया। तीनों लोगों ने रात के अंधेरे में उसकी लाश खंडहर में फेंककर तेजाब से जला दिया। लाश मिलने के बाद पुलिस को गुमराह करने के इरादे से गांव के अन्य लोगों पर हत्या का आरोप लगाते रहे, मगर जब पुलिस ने गंभीरता से जांच की तो पोल खुल गई। आरोपियों के कब्जे से तेजाब की शीशी और टांगी बरामद कर ली गई है।

Created On :   24 Jan 2023 11:44 AM GMT

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