विवाद में फोड़ी आंख, देना होगा 6 लाख मुआवजा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गंदे पानी को लेकर हुए विवाद में पड़ोसी की आंख फोड़ने वाले चिकित्सक डॉ.श्यामराव पाटील (निवासी सेलू बाजार, वाशिम) को हाई कोर्ट से झटका लगा है। दीवानी न्यायालय ने चिकित्सक को 2.50 लाख रुपए मुआवजा पीड़ित को अदा करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ चिकित्सक ने हाई कोर्ट की शरण ली थी, लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया। हाई कोर्ट ने माना कि आंख मनुष्य का सबसे कीमती अंग है, उसकी भरपाई करोड़ों रुपए देकर भी नहीं की जा सकती। निचली अदालत द्वारा तय किया गया मुआवजा भी बहुत कम है। ऐसे में आरोपी चिकित्सक को पीड़ित को 6 लाख रुपए का मुआवजा 1 माह के भीतर अदा करने का आदेश दिया है। आदेश का पालन नहीं करने पर 1 साल की जेल काटने का आदेश दिया है।
यह था विवाद... गंदा पानी बहता था
दरअसल आरोपी चिकित्सक के घर का गंदा पानी सड़क पर बहता था, जिससे पड़ोस में रहने वाले हिम्मतराव जाधव और उनके परिवार को समस्या होती थी। बार-बार कहने पर भी आरोपी ने गंदा पानी सड़क पर बहाना नहीं छोड़ा। इसके चलते 13 अप्रैल 2004 को जाधव और उनकी पत्नी आरोपी के घर पहुंचे। यहां दोनों पक्षों में विवाद हुआ। आरोपी ने जाधव की बेदम पिटाई कर दी, साथ ही जाधव पर पत्थर फेंका, जो उनकी बाईं आंख में जा कर लगा। आंख बुरी तरह जख्मी हो गई। आरोपी की पत्नी ने भी जाधव को खूब पीटा। मामला पुलिस तक पहुंचा। चिकित्सक और उनकी पत्नी पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। इधर जाधव की एक आंख हमेशा के लिए चली गई।
पत्नी को भी जेल
इस मामले में 16 मार्च 2009 को मंगरुलपीर के जेएमएफसी न्यायालय ने दोनों को दोषी करार दिया। चिकित्सक को 2 वर्ष की जेल 1000 रुपए जुर्माना और उनकी पत्नी को 6 माह की जेल और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सत्र न्यायालय ने भी निचली अदालत के इस फैसले को कायम रखा, जिसके बाद चिकित्सक ने हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने भी चिकित्सक की सजा को कायम रखा। हालांकि चिकित्सक द्वारा जेल में काटे गए 28 दिनों की सजा को हाई कोर्ट ने काफी माना।
Created On :   7 April 2023 2:21 PM IST