’जनसुनवाई में दादी के साथ आये बच्चे’ "कहानी सच्ची हैं" मासूमों को देख कलेक्टर स्वयं पहुंचे लाभ दिलाने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का दिलाया लाभ!

’जनसुनवाई में दादी के साथ आये बच्चे’ कहानी सच्ची हैं मासूमों को देख कलेक्टर स्वयं पहुंचे लाभ दिलाने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का दिलाया लाभ!
कहानी सच्ची हैं ’जनसुनवाई में दादी के साथ आये बच्चे’ "कहानी सच्ची हैं" मासूमों को देख कलेक्टर स्वयं पहुंचे लाभ दिलाने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का दिलाया लाभ!

डिजिटल डेस्क | सागर कोरोना काल में एक्सीडेंट में माता-पिता को खोने के बाद नवनीत और बेबी अपनी दादी श्रीमती रजनी बाई रजक के साथ ही रहते हैं। कोरोना की दूसरी लहर के वक्त इन मासूमों ने अपने माता पिता को खो दिया। ग्राम जालंधर निवासी बेबी अभी 10 वर्ष की है जबकि उसका छोटा भाई नवनीत मात्र 8 वर्ष का है। इतनी छोटी उम्र में मां बाप को खो चुके ये बच्चे मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में अपनी दादी के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने त्वरित एक्शन लेते हुए बच्चों के पास जाकर उनकी आप बीती सुनी और तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि बच्चों को मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना का लाभ दिलाएं।

उन्होंने निर्देश दिए कि आज ही योजना से संबंधित आवश्यक कार्रवाई पूरी प्रस्ताव तैयार कर भेजें। कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने बताया कि कोविड -19 से अनेक परिवार में आजीविका उपार्जन करने वाले माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है। ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों को शासकीय सहायता दिये जाने की आवश्यकता है।

इस योजना का उद्देश्य इन बच्चो को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है , ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सकें। बाल सेवा योजना के तहत इन बच्चों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि बैक खाते में जमा की जावेगी। इसके साथ ही मासिक राशन सहायता और शिक्षा सहायता के अंतर्गत स्कूल, उच्च, तकनीकी, मेडिकल, और विधि शिक्षा आदि हेतु निःशुल्क शिक्षा (पहली कक्षा से स्नातक तक ) उपलब्ध करवाई जाएगी। जिले के प्रशासनिक मुखिया द्वारा मासूमों की सहायता और कठिन समय में उनका संबल प्रदाय करने की दिशा में किया गया यह कार्य अनुकरणीय है।

Created On :   5 Oct 2021 10:56 AM GMT

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