नागपुर में "कोरोना ला घेऊन जा गे मारबत'की गूंज, नहीं हो सका काली-पीली मारबत का मिलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण का असर पूरे देश में अनूठे नागपुर के मारबत बड़ग्या उत्सव पर भी दिखाई दिया। सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी के चलते जुलूस नहीं निकाले जाने से जहां काली और पीली मारबत का ऐतिहासिक मिलन नहीं हो पाया, वहीं "इड़ा पीड़ा खांसी- खोखला ला घेऊन जा गे मारबत" के साथ "कोरोना ला घेऊन जा गे मारबत" की गूंज रही। मारबत और बड़ग्या के जुलूस नहीं निकाले जाने से रास्ते सूने रहे। ज्वलंत मुद्दों, समस्याओं तथा घपले-घोटालों को उजागर करने वाले बड़ग्या देखने से उपराजधानीवासी वंचित रह गए।
परिसर में ही काली मारबत का दहन
नेहरू युवा संगठन की तरफ से इतवारी स्थित नेहरू पुतला चौक के पास काली मारबत का निर्माण किया गया। पूजा- अर्चना के बाद काली मारबत को नेहरू पुतला चौक परिसर में ही घुमाया गया। इस दौरान जुलूस में शामिल लोग कोरोला ला घेऊन जा गे मारबत" के नारे लगाते रहे। नेहरू पुतला चौक पर काली और पीली मारबत के मिलन की परंपरा है, लेकिन पाबंदी के चलते पीली मारबत नहीं पहुंची। इसलिए परिसर में ही काली मारबत का दहन कर दिया गया। दूसरी ओर, तरहाने तेली समाज की ओर से जागनाथ बुधवारी में पीली मारबत बनाई गई, जिसका परिसर में ही भ्रमण के बाद दहन किया गया। पीली मारबत की कई लोगों ने पूजा-अर्चना भी की। विशेषकर बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगा गया। सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी के चलते इस वर्ष बड़ग्या का निर्माण नहीं किया गया।
Created On :   20 Aug 2020 4:48 AM GMT