राजस्थान 'वंदे मातरम्' के 150 वर्ष पूरे होने पर भव्य आयोजन शुरू, हर दिन होंगे विशेष कार्यक्रम

राजस्थान  वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर भव्य आयोजन शुरू, हर दिन होंगे विशेष कार्यक्रम
राजस्थान के जोधपुर में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक खास कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत की गई। जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में शुरू हुए इस आयोजन में शहर भर में देशभक्ति का माहौल देखने को मिला।

जोधपुर, 7 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के जोधपुर में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक खास कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत की गई। जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में शुरू हुए इस आयोजन में शहर भर में देशभक्ति का माहौल देखने को मिला।

जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने जानकारी दी कि यह विशेष कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू होकर 26 नवंबर तक लगातार चलेगा। उन्होंने बताया कि हर दिन अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति प्रस्तुतियां, जन जागरूकता रैलियां और युवाओं को जोड़ने वाले कई आयोजन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि 150 साल पूरे होने का यह अवसर ऐतिहासिक है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि हर दिन एक नई गतिविधि के जरिए लोगों को जोड़ा जा सके।

रैली में बड़ी संख्या में विद्यार्थी, सामाजिक संगठन, महिला समूह और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। पूरे मार्ग पर देशभक्ति नारों और तिरंगों के साथ उत्साहपूर्ण माहौल दिखाई दिया।

कार्यक्रम में भाजपा विधायक देवेंद्र जोशी ने भी लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम की धड़कन है। जोशी ने इसे देश की एकता, संस्कृति और आत्मसम्मान का प्रतीक बताया।

जोधपुर में शुरू हुए ये समारोह अब 26 नवंबर तक जारी रहेंगे। उम्मीद है कि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रमों में शामिल होंगे और वंदे मातरम् के 150 सालों के इस गौरवशाली सफर को यादगार बनाएंगे।

इस साल भारत के राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ है। 'वंदे मातरम' पहली बार साहित्यिक पत्रिका 'बंगदर्शन' में 7 नवंबर 1875 को प्रकाशित हुआ था। बाद में, बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने इसे अपने उपन्यास 'आनंदमठ' में शामिल किया, जो 1882 में प्रकाशित हुई।

यह महत्वपूर्ण अवसर भारतीयों के लिए एकता, बलिदान और भक्ति के उस शाश्वत संदेश को फिर से दोहराने का अवसर है, जो वंदे मातरम् में समाहित है।

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Created On :   7 Nov 2025 12:45 PM IST

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