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मुंबई में कोरोना संक्रमितों की संख्या में आई कमी, टेस्ट के नियम बदलने से विवाद

डिजिटल डेस्क,मुंबई। देश के सर्वाधिक कोरोना ग्रस्त मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ोतरी में थोड़ी कमी आ रही है। लेकिन कोरोना टेस्ट के नियमों में मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा बदलाव से विवाद भी शुरू हो गया है। नए नियमों के मुताबिक अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आये लोगों को 14 दिनों तक क्वांरटाइन में तो रखा जाएगा लेकिन कोरोना की जांच पांच दिन बाद तभी होगी जब उनमें इसके लक्षण दिखेंगे। लेकिन विपक्ष ने इसे गलत बताया है।
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही जांच होनी चाहिए। नए नियमों से मामलों की संख्या कम होगी लेकिन अंदेशा है कि इससे कोरोना का फैलाव और बढ़ जाएगा। बीएमसी ने गुरुवार को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।जिसके मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में रहने वाले लोगों से तुरंत नमूने जांच के लिए नहीं लिए जाएंगे। अब तक संक्रमित मरीज के बारे में जानकारी मिलने के बाद उसके संपर्क में रहने वाले लोगों के नमूने तुरंत जांच के लिए लिए जाते थे।
यह साफ नहीं है कि मुंबई नगरपालिका ने फैसला क्यों किया लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आशंका है कि हर किसी का टेस्ट करते रहने से टेस्ट किट की कमी हो सकती है, इसलिए इसका सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। अब तक ऐसे मामलों में जितनी जांच की गई है उनमें से साढे़ चार फीसदी ही पॉजिटिव पाए गए हैं इसलिए अब बीएमसी ने ज्यादा एहतियात बरतने का फैसला किया है। बीएमसी ने चेतावनी दी है कि 5 दिन से पहले संक्रमित मरीजों के करीब रहने वालों के टेस्ट के मामले सामने आने पर जांच करने वाले सरकारी या निजी लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि डायलिसिस, कीमोथेरेपी वाले मरीजों और उन गर्भवती महिलाओं को नए नियम से छूट दी गई है जिनका दो महीने में प्रसव होना है।
लगातार घट रही नए मरीजों की संख्या
तारीख नए मरीज मृत ठीक हुए
17 अप्रैल 77 5 37
16 अप्रैल 107 3 21
15 अप्रैल 183 2 17
14 अप्रैल 204 11 23
Created On :   17 April 2020 8:41 PM IST