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पुलिस नारकोटिक्स विभाग स्थापित करने की कर रही मांग

डिजिटल डेस्क,चेन्नई। तमिलनाडु पुलिस द्वारा फरवरी के पहले सप्ताह में 112 किलोग्राम गांजा जब्त किए जाने से राज्य पुलिस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तर्ज पर एक अलग नारकोटिक ब्यूरो की मांग तेज हो गई है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जनवरी के दौरान विभाग ने 485 किलोग्राम गांजा जब्त किया और प्रतिबंधित पदार्थ की इस भारी जब्ती के कारण राज्य में एक अलग मादक पदार्थ विभाग की जरूरत पड़ी।
तस्करों के शिकार का नेतृत्व करने वाले और गांजा जब्त करने वाले पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश प्रतिबंधित सामग्री आंध्र प्रदेश से राज्य में पहुंच रही थी। पुलिस का कहना है कि नशीली दवाओं को राज्य में दोपहिया और लक्जरी चार पहिया वाहनों में लाया जाता है, जिसमें स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) शामिल हैं। कुछ मामलों में, परिवारों को ड्रग्स लाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है ताकि तस्करी पर किसी का ध्यान न जाए।
गांजा गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए राज्य पुलिस के सामने यह प्रमुख मुद्दा है।
नाम न छापने की शर्तों पर पेशेवर कॉलेजों के छात्रों ने आईएएनएस को बताया कि नशीली दवाओं की तस्करी एक आकर्षक सौदा बन गया है।
चेन्नई के एक प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने कहा, मैं ड्रग तस्करी में शामिल था, लेकिन छोड़ दिया है। जिन्हें जल्दी पैसे की आवश्यकता होती है, वह ये काम कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में छात्र इन पदार्थों को लाते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने पहले ही राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नशीली दवाओं के खतरे पर नकेल कसने और राज्य पुलिस में एक अलग नारकोटिक्स डिवीजन स्थापित करने की आवश्यकता पर एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है ताकि मामलों को लगातार आगे बढ़ाया जा सके और मुख्य खिलाड़ियों को व्यापार में लाया जा सके।
उनका कहना है कि जब तक गिरोह के प्रमुख सरगनाओं को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक यह खतरा बना रहेगा और इसके लिए एक अलग इकाई बनाने की आवश्यकता है।
(आईएएनएस)
Created On :   7 Feb 2022 7:01 PM IST