Mumbai News: प्राकृतिक आपदा के लिए कर सकेंगे डीपीडीसी निधि का इस्तेमाल, सरकार का फैसला

प्राकृतिक आपदा के लिए कर सकेंगे डीपीडीसी निधि का इस्तेमाल, सरकार का फैसला
  • इन कार्यों के लिए इस निधि का इस्तेमाल
  • डीपीडीसी निधि का उपयोग केवल सूखे की स्थिति में ही करने की अनुमति थी

Mumbai News. राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और आपात स्थितियों में नागरिकों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिला वार्षिक योजना (डीपीडीसी) की निधि का उपयोग सभी चार प्रकार की आपदाओं- भारी वर्षा, बाढ़, ओलावृष्टि और सूखा की स्थिति में तत्काल उपाय करने के लिए किया जाएगा। इससे जिलों को आपात स्थितियों में निधि की उपलब्धता के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। डीपीडीसी निधि में से 5 फीसदी राशि का तुरंत उपयोग किया जा सकेगा। इसके लिए पालकमंत्री तुरंत मंजूरी दे सकेंगे।

अभी तक डीपीडीसी निधि का उपयोग केवल सूखे की स्थिति में ही करने की अनुमति थी, लेकिन अब जिला वार्षिक योजना की निधि का उपयोग बाढ़, भारी वर्षा, ओलावृष्टि के लिए भी किया जा सकेगा। ये उपाय भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों के लिए किए जा सकेंगे। बता दें कि राज्य में पिछले 24 घंटों में कुल 65 मिमी बारिश हुई है। मराठवाडा सहित राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। अब पालक मंत्री और जिला योजना समिति के अध्यक्ष को आपातकालीन उपायों पर व्यय के लिए प्रशासनिक स्वीकृति देने का अधिकार होगा।

इन कार्यों के लिए इस निधि का इस्तेमाल

इस निधि से किए जाने वाले कार्यों में नागरिकों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करना, चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल सुविधा, चारा शिविर, टूटी सड़कों और पुलों की अस्थायी मरम्मत, गैस-पेट्रोल पंपों की मरम्मत, बिजली आपूर्ति सुचारू करना, साथ ही गांवों में स्कूलों, आंगनवाड़ियों और सार्वजनिक भवनों की मरम्मत, साथ ही कुएं, टैंकर, कमी के लिए सिंटेक्स टैंक आदि शामिल है। कुल 22 प्रकार के आपातकालीन उपाय शामिल किए गए हैं। स्थिति गंभीर होने पर 5 प्रतिशत की बजाय 10 प्रतिशत राशि भी जिला योजना समिति की स्वीकृति से इस्तेमाल किया जा सकेगा। यदि किसी जिले में सूखा और अतिवृष्टि, दोनों ही संकट उत्पन्न होते हैं, तो एक ही निधि का लचीले ढंग से उपयोग किया जा सकता है। जिला योजना समिति के अध्यक्ष के रूप में पालक मंत्री तत्काल निधि स्वीकृत करने के अधिकार का प्रयोग करेंगे। जिलाधिकारी को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक राहत एवं पुनर्वास विभाग को एक रिपोर्ट के रूप में व्यय का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।

Created On :   29 Sept 2025 9:03 PM IST

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