रणनीति: अजित की आगामी स्थानीय चुनावों में कुछ महानगरपालिकाओं में फ्रेंडली फाइट की तैयारी, शरद पवार की तारीफ

अजित की आगामी स्थानीय चुनावों में कुछ महानगरपालिकाओं में फ्रेंडली फाइट की तैयारी, शरद पवार की तारीफ
  • पुणे और पिंपरी चिंचवड़ अकेले जबकि नागपुर युति में लड़ने का प्लान
  • महायुति की रणनीति तैयार, उद्धव गुट को घेरने की तैयारी
  • Ajit Pawar is planning a "friendly competition" in some municipal elections, and is praising Sharad Pawar

Mumbai / Pune News. सोमदत्त शर्मा। जहां एक तरफ मराठवाड़ा समेत आधे से ज्यादा महाराष्ट्र में भारी बारिश ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्था और महानगरपालिकाओं के चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को 31 जनवरी तक सभी स्थानीय चुनाव कराने के आदेश देने के बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य में महायुति के तीनों नेता पहले ही गठबंधन में चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं। लेकिन कुछ जगहों पर तीनों ही दलों में मैत्रीपूर्ण लड़ाई (फ्रेंडली फाइट) देखने को मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि इसी को लेकर राकांपा (अजित) अध्यक्ष अजित पवार ने तैयारी शुरू कर दी है। अजित ने बारामती में अपने करीबी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ हाल ही में हुई बैठक में पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपलिकाओं के चुनाव अकेले लड़ने का इशारा किया है। अगर ऐसा हुआ तो महायुति में कुछ जगहों पर चुनाव में फ्रेंडली फाइट देखने को मिल सकती है।

महायुति की रणनीति तैयार, उद्धव गुट को घेरने की तैयारी

राकांपा (अजित) के एक वरिष्ठ नेता मुताबिक महायुति के तीनों दलों भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) ने विपक्ष को स्थानीय चुनावों में विधानसभा चुनाव की तरह मात देने के लिए रणनीति बनाई है। इस नेता के मुताबिक वैसे तो तीनों दल राज्य में एकजुट होकर चुनाव लडेंगे लेकिन अगर कुछ महानगरपालिकाओं में गठबंधन संभव नहीं होगा तो तीनों दल अकेले-अकेले (फ्रेंडली फाइट) चुनाव लड़ेंगे। फ्रेंडली फाइट को लेकर अजित पवार ने कुछ दिनों पहले बारामती में पार्टी के पदाधिकारियों को बता भी दिया है। पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका चुनाव पार्टी अकेले लड़ सकती है। जबकि नागपुर और दूसरी अन्य महानगरपालिकाओं के चुनाव गठबंधन में ही लडे जाएंगे। पार्टी जहां ताकतवर है वहां अकेले ही चुनाव लड़ा जाएगा।

इन बिंदुओं पर बन रही है रणनीति:

  • अधिकांश जगहों पर महायुति मिलकर चुनाव लड़ेगी।
  • जहां गठबंधन से नुकसान हो सकता है, वहां मैत्रीपूर्ण मुकाबले होंगे।
  • नेताओं को यह निर्देश दिया गया है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी न हो इसका ध्यान रखें।
  • गठबंधन के कारण अपने ही कार्यकर्ता विपक्षी खेमे में न चले जाएं, इस पर खास नजर रखें।
  • ठाणे और नागपुर में दोस्ताना लड़ाई, पुणे में 'एकला चलो' की राह।
  • भाजपा ने भी की है इसकी तैयारी।
  • छत्रपती संभाजीनगर और नागपुर में महायुति की सीट शेयरिंग पर बातचीत अभी जारी है।
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य में सभी महानगरपालिका, नगरपालिका, जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव 31 जनवरी 2026 से पहले कराए जाने जरूरी हैं।
  • - इसके लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है।
  • - नवंबर के बाद चुनावी कार्यक्रम शुरू होने की संभावना है।

कांग्रेस भी अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में

ऐसा नहीं है कि महायुति में ही दल अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं। महाविकास आघाडी में कांग्रेस ने तो पूरे राज्य में सभी स्थानीय चुनाव अकेले लड़ने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नितिन राऊत का मानना है कि कांग्रेस को आगामी चुनाव अकेले लड़ने चाहिए। राऊत का कहना है कि वैसे भी महाआघाडी में गठबंधन लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए हुआ था न की स्थानीय चुनावों के लिए। इसलिए हमें आगामी चुनाव अकेले ही लड़ने में ही फायदा होगा।

मैं काम करने वाला आदमी हूं, लेकिन शरद पवार का मुकाबला नहीं

उधर पुणे में अजित ने शरद पवार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर आप अब तक के सभी विधायकों के काम देखें, तो मेरा काम अलग है। मैं अपनी तुलना शरद पवार साहब से नहीं कर रहा, शरद पवार की काम करने की कार्यशैली अलग थी, उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। इन शब्दों में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की तारीफ की। वे रविवार को बारामती सहकारी बैंक की वार्षिक सर्वसाधारण बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब मैं विधायक बना, तो हमेशा खुद से कहता था कि हर बार मेरी तुलना शरद पवार से की जाएगी, इसलिए मुझे भी बहुत काम करना होगा। मैं आज भी सुबह पांच बजे उठकर काम शुरू कर देता हूं। मैं काम करने वाला आदमी हूं और केवल काम करता रहता हूं। पवार बोले कि यह शहर हमारा है और इसे देश का सबसे अच्छा शहर होना चाहिए, मैं इस भावना से काम करता हूं। सच कहता हूं, आप लोगों को मेरे जैसा विधायक नहीं मिलेगा।

जिस दिन मैं हटूंगा, आपको समझ आ जाएगा

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन मैं इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना छोड़ दूंगा, आपको समझ आ जाएगा। अच्छा काम करने वालों को ना कहना ठीक है, लेकिन कम से कम उन्हें निराश तो न करें। बारामती में जो सफाई आप देख रहे है, वह किसी ऐसे व्यक्ति की वजह से है, जो इस पर कड़ी नजर रखता है और कड़ी मेहनत करता है। इसलिए ऐसी तस्वीर दिखाई देती है। दूसरी जगहों पर काम अच्छी क्वालिटी का नहीं हो पाता, क्योंकि वहां वजन रखना पड़ता है। बारामती में ऐसा कुछ नहीं होता। इसलिए यहां की तस्वीर अलग है। हम हमेशा गुणवत्तापूर्ण काम पर जोर देते हैं। विकास कार्यों के लिए मुझे अक्सर कड़े फैसले लेना पड़ते हैं, विरोध भी सहना पड़ता है, लेकिन यह सब शहर की भलाई के लिए करता हूं।

मेरे जैसे विचारों वाले लोगों को चुनें

सभी विकास कार्यों की समीक्षा के बाद अगले कुछ दिनों में नगर परिषद, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव होंगे। कई लोगों ने इस ओर ध्यान दिया है, लेकिन उन्हें पहले बारामती के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। अगर हमें भविष्य में भी विकास जारी रखना है, तो मेरे जैसे विचारों वाले लोगों को चुनना जरूरी है। प्रशासक होने के बावजूद चार साल में बारामती में करोड़ों रुपए का निवेश हुआ है।

Created On :   28 Sept 2025 10:06 PM IST

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