श्री कृष्ण जन्मोत्सव में झूमे श्रद्धालु

Devotees swing in the birth anniversary of Shri Krishna
श्री कृष्ण जन्मोत्सव में झूमे श्रद्धालु
पन्ना श्री कृष्ण जन्मोत्सव में झूमे श्रद्धालु

 डिजिटल डेस्क पन्ना। श्रीमद् भागवत कथा में लिखें मंत्र और श्लोक केवल भगवान की आराधना और उनके चरित्र का वर्णन ही नहीं है। श्रीमद्भागवत की कथा में वह सारे तत्व हैं जिनके माध्यम से जीव अपना तो कल्याण कर ही सकता है साथ में अपने से जुडे हुए लोगों का भी कल्याण करता है। जीवन में व्यक्ति को अवश्य ही भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। बिना आमंत्रण के भी अगर कहीं भागवत कथा हो रही है तो वहां अवश्य जाना चाहिए। इससे जीव का कल्याण ही होता है। उक्त बातें श्री जुगुल किशोर जी मंदिर पन्ना में द्विवेदी परिवार मडई जिला सतना हाल निवास पन्ना द्वारा कराई जा रही संगीतमय भागवता कथा में आचार्य राम दुलारे पाठक महाराज ने व्यास पीठ से कहीं। श्री पाठक ने संतो के संबंध में कहा है कि संत का परिचय संत का भेष नहीं होता है। उनका तो मुख्य भेष उनका गुण होता है। श्री पाठक ने भागवत कथा में चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव वर्णन किया। जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं जानते थे कि वह परमात्मा हैं उसके बाद भी वह अपने माता पिता के चरणों को प्रणाम करने में कभी संकोच नहीं करते थे। यह सीख में भगवान श्रीकृष्ण से सभी को लेनी चाहिए। आज की युवा पीढी धन कमाने में लगी हुई है लेकिन अपने कुल धर्म और मर्यादा का पालन बहुत कम कर रहे हैं। कथा आयोजक मनोज द्विवेदी व विवेक द्विवेदी ने शहरवासियों से अधिक से अधिक संख्या मे पहुंचकर धर्म लाभ उठाने का आग्रह किया है। 

Created On :   2 Feb 2023 11:38 AM GMT

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