नेपाल चुनाव से पहले जेन जी लीडर मिराज धुंगाना ने की नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा

नेपाल चुनाव से पहले जेन जी लीडर मिराज धुंगाना ने की नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा
नेपाल में चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनाव से पहले जेन-जी ग्रुप ने बड़ा ऐलान किया है।

काठमांडू, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। नेपाल में चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनाव से पहले जेन-जी ग्रुप ने बड़ा ऐलान किया है।

नेपाली मीडिया के अनुसार जेनरेशन जेड आंदोलन के बाद सुर्खियों में आए मिराज धुंगाना ने नई राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा की है।

धुंगाना ने न्यू बनेश्वर स्थित एवरेस्ट होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इसका ऐलान किया। इस कार्यक्रम में धुंगाना और उनके समूह के कई सदस्य शामिल हुए। मिराज धुंगाना ने यह भी साफ कर दिया है कि वह इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।

उन्होंने कहा कि समूह का मूल सिद्धांत प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित कार्यकारी प्रणाली की स्थापना है, इसलिए उन्होंने इस समय चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।

धुंगाना ने कहा कि नई पार्टी का उद्देश्य जेनरेशन जेड कार्यकर्ताओं को एकजुट करना और उनके राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संगठित और सामूहिक रूप से आगे बढ़ना है।

बता दें, नेपाल में 5 मार्च 2026 को चुनाव होने वाले हैं। इस बीच देशभर में हलचल तेज हो गई है। दूसरी ओर मंगलवार को नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय में सुशीला कार्की की नई प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति और प्रतिनिधि सभा को भंग करने को चुनौती देते हुए लगभग एक दर्जन रिट याचिकाएं दायर की गईं।

12 सितंबर को, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त किया और उनकी सिफारिश के आधार पर, अगले साल 5 मार्च को नए चुनावों की घोषणा करते हुए निचले सदन को भंग कर दिया।

इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के सहायक प्रवक्ता नीरजन पांडे ने आईएएनएस को बताया, "मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में कार्की की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति और निचले सदन को भंग करने की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली लगभग 10 रिट याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें से कई में इसे बहाल करने की मांग की गई है। हमने अभी तक इन्हें पंजीकृत नहीं किया है और रिट याचिकाओं का अध्ययन करने के बाद आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।"

वकील युबराज पौडेल द्वारा दायर एक याचिका में तर्क दिया गया है कि संविधान कार्की को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोकता है। दरअसल, कार्की की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत नहीं की गई थी, जो प्रधानमंत्री के चुनाव का प्रावधान करता है, बल्कि अनुच्छेद 61 के तहत की गई थी, जो राष्ट्रीय एकता की रक्षा और संविधान के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के राष्ट्रपति के कर्तव्य को रेखांकित करता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   19 Oct 2025 3:15 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story