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निरंतर बारिश से 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पड़ गईं पीली

डिजिटल डेस्क, अमरावती। धामणगांव रेलवे कपास पीली पड़ी, तुअर जली और सोयाबीन की फसल 25 दिनों के बाद भी खेतों में पानी में रहने से किसान हलाकान हो गए हंै। तहसील में वर्तमान में भी नाले और बांध लबालब हंै। पिछले एक पखवाड़े में चार दफा अतिवृष्टि की मार मंगरूल दस्तगीर, चिंचोली, भातकुली, रेणुकापुर परिसर में पड़ी है। जब इन परिसरों का दौरा किया तब किसानों को कोरोना से भी अधिक बारिश का भय दिखाई देता नजर आया। अतिवृष्टि और मूसलाधार बारिश के कारण तहसील की 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पीली पड़ गई है। यह पिछले 80 वर्षों में सर्वाधिक नुकसान बताया जाता है। तहसील के बगाजी सागर बांध के चिंचपुर से लेकर विटाला गांव तक अधिक उपज देनेवाला जमीन का पट्टा समझा जाता है। इस इलाके में किसानों ने जुलाई माह के पहले सप्ताह में बुआई की लेकिन 4 जुलाई को आई बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहंुचा। दो दिनों तक बारिश बंद रहने से किसानों ने सोयाबीन और कपास की बुआई की लेकिन दूसरी अतिवृष्टि में यह फसल बह गई। इस कारण कुछ किसानों ने फिर से बुआई की लेकिन तीसरी अतिवृष्टि होते ही सभी तरफ किसानों के खेतों में जलजमाव हो गया। वर्तमान में भी खेतों में पानी रहने से कपास और सोयाबीन की फसल पीली पड़ गई है। वहीं तुअर जल गई है।
80 वर्ष बाद रिकॉर्ड बारिश
धामणगांव तहसील में काफी वर्षों बाद रिकॉर्ड बारिश हुई है। 80 वर्ष पूर्व खेतों के पास से बहते नाले फूट जाने से नाले का पानी खेतों में घुस गया है। अनेक स्थानों की फसलें तबाह हो गई है। शिदोड़ी नायगांव, बोरगांव निस्ताने, झाडगांव, चिंचोली क्षेत्र के बुआई किए बीज इस बारिश के कारण बह गए थे। पिछले एक पखवाड़े में केवल तीन दिन बारिश ने विश्राम लिया है। इस कारण अभी भी अनेक इलाकों के खेतों में पानी भरा हुआ है। किसानों के हाथ से यह सीजन जाने और मशक्कत व बुआई पर बहुत खर्च होने से किसानों ने अब शासन व प्रशासन से तत्काल पंचनामे कर मुआवजे की मांग की है।
Created On :   25 July 2022 2:07 PM IST