पीकेवी को प्रथम 10 विश्वमहाविद्यालयों में लाने का प्रयास: डा गड़ाख 

Efforts to bring PKV in first 10 universities: Dr. Gadakh
पीकेवी को प्रथम 10 विश्वमहाविद्यालयों में लाने का प्रयास: डा गड़ाख 
अकोला पीकेवी को प्रथम 10 विश्वमहाविद्यालयों में लाने का प्रयास: डा गड़ाख 

डिजिटल डेस्क, अकोला । पीकेवी के 53 वर्ष के कार्यकाल में धीरे धीरे प्रगति करते हुए अकोला के डा पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालयों की श्रेणी में नीचे से बढते हुए 26वीं पायदान तक दौड़ लगाई है। हम सब का प्रयास है कि आने वाले समय में हमारा कृषि विश्वविद्यालय प्रथम 10 विश्वविद्यालयों  की सूची में शामिल हो सके। जिसके लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि इसमें हम सफल होंगे, ऐसा विश्वास पीकेवी के उपकुलपति डा शरद गड़ाख ने जताया है। वे रविवार 5 फरवरी को आयोजित 37वें उपाधिदान समारोह के पूर्व जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार परिषद में मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे। 
गिनाई उपलब्धियां 
डा गड़ाख ने जानकारी देते हुए बताया कि पीकेवी का ढंाचा 53 साल पुराना हो चुका है। उसमें बदलते परिवेश में नए बदलाव कर छात्रों के साथ ही किसानों को बेहतर देने का प्रयास किया जा रहा है। 10 कृषि महाविद्यालय, 2 संलग्न महाविद्यालय, 26 निजी महाविद्यालय मिलाकर पीकेवी के अधिकार क्षेत्र में 38 कृषि महाविद्यालय विदर्भ के 11 जिलों में कार्यरत हैं। जिसके लिए 58 कृषि शालाएं, 11 जिले में 19 अनुसंधान केंद्र तथा 14 कृषि विज्ञान केंद्रों की सहायता से विश्वविद्यालय किसानों के लिए नए नए अनुसंधान कर रहा है। पीकेवी ने 53 साल में 176 नई प्रजातियां विकसित की है साथ ही 46 तरह के कृषि औजार विकसित किए है जो किसानों तक पहुंचाने का प्रयास चल रहा है। पीकेवी की 6 फसल प्रजातियों ने किसानों को 20 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाया है ऐसा दावा भी उपकुलपति ने किया है। उन्होंने कहा कि पीकेवी से प्रतिवर्ष 6 हजार छात्र तैयार होकर निकलते हैं। कृषि विश्वविद्यालय ने तीन फोरम गठित किए है। जिनके अंतर्गत पहले फोरम के जरिए छात्रों तथा किसानों को विदेशों में जाकर पढने तथा उन्नत तकनीक सीखने का अवसर मिलेगा। दूसरा फोरम यह कार्य करेगा कि पीकेवी से निकलने वाला छात्र स्वयं कहीं नौकरी न करते हुए दूसरों को रोजगार देने में सहायक होगा तथा किसानों को आधुनिक तकनीक से अवगत करवाएगा। जबकि तीसरा फोरम आधुनिक कृषि का मॉडल तैयार करेगा जिसके जरिए छात्रों व किसानों को मार्गदर्शन करेंगा। पीकेवी में हाल ही में 11 करोड़ 27 लाख के प्रोजेक्ट मंजूर किए गए है। बीज के लिए 374 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। जिनमें से 22 समझौते कृषि औजारों से के संदर्भ में है इनके जरिए पीकेवी को अधिक राजस्व मिल सकेगा। पीकेवी के जरिए जैविक खाद किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए 11 जिले में 40 केंद्रों के माध्यम से उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सहायता से पीकेवी के प्रक्षेत्र में 52 करोड़ लीटर क्षमता के खेत तलाब बनाए गए है। जो 1200 कृषि हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। विश्वविद्यालय ने 195 केवी ए क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट भी विकसित किया है। इन सब उपलब्धियों के जरिए विश्वविद्यालय अपनी श्रेणी में सुधार कर पहले 10 विश्वविदलयों की सूची में शामिल होने के लिए पूरी क्षमता से प्रयासरत है।  
 

Created On :   4 Feb 2023 7:52 PM IST

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