फेसबुक से वसूली, समर्थक को मैसेज भेज कर मांगी रकम

Facebook recovery, sending message to supporter and asked for money
फेसबुक से वसूली, समर्थक को मैसेज भेज कर मांगी रकम
फेसबुक से वसूली, समर्थक को मैसेज भेज कर मांगी रकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साइबर अपराध का दायरा बढ़ता जा रहा है। अभी तक बैंक से संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन, केवाईसी, क्रेडिट कार्ड से संबंधित सुविधा अपडेट करने, पेटीएम आदि के नाम पर खातों से रकम उड़ाई जा रही थी। अब फेसबुक सहित सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। सबसे ज्यादा फेसबुक के माध्यम से रकम वसूली के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस के एक बड़े अधिकारी की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर 10 हजार रुपए मांग करने का मामला सामने आया था। इसके बाद साइबर क्राइम शाखा के कर्मचारी को ही ठगने का प्रयास वॉट्सएप के माध्यम से किया गया था।

कर्मचारी के करीबी दोस्त के नाम पर रकम की मांग की गई। इसी तरह का एक और मामला गुरुवार को सामने आया है। अबकी बार पूर्व मंत्री एवं नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेद्र मुलक के नाम से नकली फेसबुक अकाउंट बनाया गया है। इसी अकाउंट के माध्यम से एक समर्थक को शिकार बनाने की कोशिश की गई है। हालांकि समय रहते जानकारी हो गई, तो वह ठगी का शिकार होने से बच गया। पिछले कुछ दिनों में जो मामले सामने आए हैं, उसमें नामी-गिरामी लोगों के फर्जी अकाउंट बनाने से संबंधित हैं। 

2 दिन पहले जानकारी
दो दिन पहले घटना की जानकारी हुई। लोगों से सावधान रहने और ऐसी घटनाओं से बचने की अपील करता हूं। -राजेंद्र मुलक, पूर्व मंत्री 

गूगल पे पर 10 हजार रुपए भेजने को कहा
नागपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक के समर्थक आबिद काजी को ठगने का प्रयास किया गया है। 2 दिन पहले ही मुलक के नाम से आबिद के फेसबुक पर मैसेज आया। इसमें कहा गया कि गूगल पे पर उसे 10 हजार रुपए भेज दो। मैसेज पढ़कर आबिद को कुछ अटपटा सा लगा। शंका भी हुई। आबिद ने मुलक के निजी सहायक (पीए) प्रकाश बारोकर को फोन किया। इसके बाद बाकायदा मुलक को भी कॉल कर मैसेज की सत्यता जानने की कोशिश की। फेसबुक पर 10 हजार रुपए मांगने वाली बात से मुलक ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई मैसेज उन्होंने नहीं भेजा है। 

पुलिस जांच हुई तो खुली पोल
समर्थक से पैसे मांगने के मैसेज की जानकारी राजेंद्र मुलक को हुई तो उन्होंने और उनके निजी सहायक प्रकाश बारोकर ने उस फेसबुक अकाउंट की जांच की। अकाउंट देखकर सब सन्न रह गए। यह अकाउंट फर्जी था। राजेंद्र मुलक ने इस अकाउंट को बनाया ही नहीं है। इसमें मुलक के फोटो का दुरुपयोग कर अकाउंट बनाया गया है। इसी अकाउंट के माध्यम से समर्थकों से वसूली के लिए मैसेज भेजे गए थे। इसके बाद समझते देर न लगी कि माजरा क्या है। पीए ने प्रताप नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। गुरुवार की रात नौ बजे प्रकरण दर्ज किया गया। 
 

Created On :   13 Feb 2021 3:50 PM IST

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