बिल जमा करने को लेकर सरकारी विभागों को हाईकोर्ट से राहत

Government departments get relief from high court for submitting bills
बिल जमा करने को लेकर सरकारी विभागों को हाईकोर्ट से राहत
बिल जमा करने को लेकर सरकारी विभागों को हाईकोर्ट से राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सोमवार को कोरोना पर केंद्रित सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। न्या.सुनील शुक्रे की खंडपीठ ने विविध सरकारी विभागों को राहत देते हुए राज्य लेखा व कोषागार संचालनालय को आदेश दिए है कि वे सरकारी विभागों के वित्तीय वर्ष 2019-20 के बिल 1 अप्रैल या उसके बाद भी स्वीकारें और राशि जारी करें। हाईकोर्ट ने संचालनालय के 24 मार्च के उस सर्कूलर को भी निष्क्रिय किया है, जिसमें संचालनालय ने बिल जमा करने के लिए 27 मार्च तक की डेडलाइन रखी थी।

उल्लेखनीय है कि बीती सुनवाई में न्यायालीन मित्र एड. अनूप गिल्डा ने यह मुद्दा हाईकोर्ट के समक्ष रखा था। हाईकोर्ट ने माना था कि यह डेडलाइन बहुत कम है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के उदेश्य से सरकारी विभागों मे सिर्फ 5 प्रतिशत कर्मचारियों को काम करने की अनुमति दी है। इतने कम स्टाफ के साथ सरकारी विभाग 27 मार्च तक कोषागार कार्यालय में बिल भेजेंगे, यह उम्मीद रखना सही नहीं होगा। इसकी जगह संचालनालय को 31 मार्च के बाद की कोई डेडलाइन देनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने टिप्पणी कि थी यह स्थिति एक असामान्य स्थिति है, जिससे असामान्य तरीके स निपटना होगा। 

सोमवार को कोषागार संचालनालय ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन्होंने डेडलाइन बढ़  कर 31 मार्च कर दी है। साथ ही बताया कि इसके बाद जमा होने वाले बिलों के भी भुगतान किए जाएंगे। जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मामले में सरकारी की ओर से मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी, मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक और केंद्र की ओर से एड.उल्हास औरंगाबादकर ने पक्ष रखा। 

Created On :   30 March 2020 12:56 PM GMT

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