गर्मी की आहट, सूख रहीं जीवनदायिनी नदियां

Heat wave, life-giving rivers drying up
गर्मी की आहट, सूख रहीं जीवनदायिनी नदियां
गड़चिरोली गर्मी की आहट, सूख रहीं जीवनदायिनी नदियां

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आने वाले कुछ ही दिनों में होली का पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इस त्योहार के पूर्व ही गर्मी की आहट आरंभ हो गयी है। नदियों के जिले के रूप में परिचित गड़चिरोली जिले में जलस्तर में तेजी से गिरावट आने लगी है। भूमिगत जल के अत्याधिक दोहन के चलते फरवरी माह में ही जीवनदायिनी नदियां सूखने लगी हैं। कई नदियों का पानी पूरी तरह से सूख चूका हैं, वहीं कुछ में नाममात्र जल शेष है। नदियों के सूखने के कारण गर्मी के दिनों में पूरे जिले में जलसंकट विकराल रूप ले सकता है। जिला मुख्यालय से सटी वैनगंगा नदी की धार इतनी पतली हो गयी हैं कि, लोग निस्तारी के लिये भी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हंै। अनुमान लगाया जा रहा हैं कि, इस वर्ष जिलावासियों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। 

 भूजल सर्वेक्षण एवं विकास विभाग ने हाल ही में जिले के सर्वेक्षण की रिपोर्ट साझा की है। इस रिपोर्ट के अनुसार आगामी अप्रैल से जून माह की कालावधि में जिले के तकरीबन 220 गांवों के नागरिकों को जलसमस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिले में बारिश के मौसम में औसतन 1354.78 मी. मी. बारिश दर्ज होती है। लेकिन इस वर्ष जून से सितंबर के दौरान 1011.33 मी.मी. बारिश ही दर्ज हो पायी है। बारिश का यह प्रमाण औसतन 343.45 मी. मी. कम है। हिसाब  लगाया जाए तो बारिश के मौसम में 74.65 प्रतिशत बारिश हुई है। फलस्वरूप जलाशयों में पर्याप्त पानी इकठ्ठा नहीं हो पाया। भूजल सर्वेक्षण और विकास यंत्रणा के वरिष्ठ भूवैज्ञानिकों ने जनवरी माह में जिले का सर्वेक्षण किया। करीब 220 गांवों से सटी नदियों का जलस्तर तीव्र गति से कम होने की जानकारी सर्वे के दौरान स्पष्ट हुई है।

 सर्वे के मुताबिक मुचलेरा तहसील में भूजल का स्तर 0.28 मीटर से बढ़ा है। लेकिन शेष 11 तहसीलों की हालत विपरित है। इसमें गड़चिरोली तहसील का भूजल स्तर 0.12 मीटर से कम है। वहीं आरमोरी में 0.39, धानोरा में 0.47, देसाईगंज में 0.43, चामोर्शी में 0.38, कोरची में 0.91, अहेरी में 0.38, एटापल्ली में 0.30, भामरागढ़ में 0.51 तथा सिरोंचा तहसील में भूजल का स्तर 0.06 मीटर से कम है। भूजल सर्वेक्षण एवं विकास यंत्रणा ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। अब जिला प्रशासन द्वारा जलसंकट के लिये अनुमानित गांवों के लिये विशेष उपाय योजना की तैयारियां आरंभ की गयी हैं। बता दें कि, समूचे जिले में कई बड़ी नदियां और नाले बहते हंै। इसमें मुख्यत: वैनगंगा, कठाणी, खोब्रागडी, प्राणहिता, इंद्रावती, गोदावरी, बांडे, पामुलगौतम, गडअहेरी, गाढवी आदि नदियों का सामवेश है। लेकिन गर्मी की आहट से ही यह नदियां सूखने की कगार पर पहुंच गयी है। जिससे इस वर्ष जिले में भीषण जलसंकट के आसार मंडराने लगे है। 


 

Created On :   22 Feb 2023 6:10 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story