मुस्लिम बच्चे को हिंदू परिवार ने दी नई जिंदगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय संस्कृति में जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानवता को महत्व दिया गया है। यही कारण है कि यहां प्रेम, संस्कार और एकता की मिसालें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें मुस्लिम समाज में जन्मा बालक उम्र के 18 वर्ष तक एक हिन्दू परिवार में पला-बढ़ा। यह बालक जबलपुर से लापता हुआ था और नागपुर में मिला था। जब वह 18 साल बाद का हुआ, तो उसका आधार कार्ड बनवाया गया और उसकी मदद से उसे उसके परिवार से मिलवाया गया।
आज भी वह हमारा बच्चा है
बच्चे को पनाह देने वाले नागपुर के समर्थ दामले ने बताया कि 8 साल की उम्र में उसे चाइल्ड लाइन वालों ने नागपुर रेलवे स्टेशन पर देखने के बाद बाल सुधार गृह में भेज दिया। उसके बाद उसे मेरे यहां प्रिंस सदन पंचशील नगर आश्रय स्थल में लाया गया। 2015 में जब अनाथालय बंद हुआ, तब उस बच्चे की देखरेख करने वाला कोई नहीं था, इसलिए हमने उसे अपने परिवार में ही स्थान दिया और उसका नाम अमन दिया, क्योंकि वह सिर्फ अम्मा-अम्मा ही बोल पाता था। उसकी मनोस्थिति ठीक नहीं थी।
हम उनके शुक्रगुजार हैं : मोहम्मद अयूब
आमिर के असली पिता मोहम्मद अयूब खान ने बताया कि बचपन में स्कूल के लिए निकला आमिर लापता हो गया था, जिसके बाद हमने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट हनुमानताल थाने में दर्ज करवाई थी। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला। फिर एक दिन मोहल्ले के पार्षद ने हमें बताया की आपका बच्चा नागपुर में है, तब हमने आधार कार्ड से उसकी पहचान की, जिसमें उसकी पुष्टि हुई और उसके नागपुर वाले माता-पिता ने हमें आकर बच्चा सौंप दिया। हम उनके शुक्रगुजार हैं और वो पल अविस्मरणीय है। आज भी हम आमिर को उनसे मिलवाने नागपुर लेकर जाते हैं।
Created On :   6 April 2023 1:20 PM IST