तीखी मिर्च किसानों के चेहरे पर ले आयी लाली
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। लाल मिर्च भले तीखी होती है किंतु इस वर्ष मिर्च को रिकार्ड 24 हजार रुपए क्विंटल का दाम मिलने से किसानों के लिए मिर्च लाभदायक साबित हो रही है, जिससे बाढ़ और अतिवृष्टि की मार झेल चुके किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है।
गत वर्ष किसानों के लिए काफी व्यस्त रहा। भारी वर्षा और बाढ़ के कारण तीन बार बुअाई करनी पड़ी। हर बार बाढ़ से फसल खराब हो जाती थी। इसका भारी प्रभाव किसानों को उठाना पड़ा। सोयाबीन और कपास का उत्पादन घट गया। किसानों ने मिर्च की फसल की ओर रुख किया प्रकृति ने किसानों का साथ दिया और मिर्च का बेहतर उत्पादन हुअा। वर्तमान में रिकॉर्ड 24 हजार रुपए प्रति क्विंटल खरीदी जा रही है, इसलिए किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है। मिर्च का उत्पादन चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर, राजुरा, गोंडपिपपरी, पोंभुर्णा, चिमूर आदि तहसीलों में किया जाता है। इस वर्ष बेहतर मिर्च का उत्पादन देखते हुए व्यापारी सीधे किसानों के घर पर पहुंच रहे हैं और किसानों से मिर्च की खरीदारी कर रहे हैं किंतु कुछ किसान चंद्रपुर और नागपुर बाजार मंडी में अपनी मिर्च बेचने ले जा रहे हंै। इस वर्ष के दाम को देखते हुए अगले सीजन में मिर्च का रकबा बढ़ने की पूरी संभावना है।
धान, सोयाबीन कटाई और कपास चुनने के बाद मजदूर कुछ दिनों तक खाली थे किंतु अब मिर्च तुड़ाई का काम आ गया है। इससे कुछ दिनों के लिए सही किंतु मजदूरों को काम मिला है। मिर्च के दाम को देखते हुए किसान मजदूरों को मिर्च देने की बजाय उन्हंे नकद भुगतान करना ही पसंद कर रहे हंै क्योंकि मिर्च को रिकार्ड दाम मिल रहा है। इसके बाजवूद ग्राहकों को मिर्च तीखी ही लग रही है। क्योंकि उन्हें 250 रुपए किलो के दाम से ही मिर्च खरीदनी पड़ रही है। इस वर्ष की अतिवृष्टि और बांधों का पानी छोड़े जाने की वजह से गोंडपपिरी तहसील में चार बार फसल बर्बाद हो गई। नतीजा कपास और सोयाबीन को भारी नुकसान होेने बावजूद किसानों ने हिम्मत कर मिर्च का उत्पादन किया और बेहतर फसल के साथ इस वर्ष रिकार्ड दाम मिल रहे हंै।
Created On :   4 April 2023 2:12 PM IST