दो भाइयों के विवाद में बुजुर्ग मां को खाने के लाले
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दो भाइयों के बीच संपत्ति के विवाद में पिस रही एक 80 वर्षीय महिला को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राहत दी है। एक बेटा अड़ियल रवैया दिखाते हुए दूसरे बेटे के परिवार को महिला के कमरे में नहीं आने दे रहा था। लिहाजा महिला को खिड़की के सहारे भोजन-पानी दिया जा रहा था। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए महिला के कमरे की खिड़की तोड़ कर नया दरवाजा बनाने का आदेश दिया है, ताकि महिला को ठीक से भोजन-पानी दिया जा सके। साथ ही प्रताड़ना करने वाले बेटे पर अापराधिक मामला दर्ज करने के लिए महिला को जेएमएफसी न्यायालय की शरण में जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा निचली अदालत को संपत्ति के विवाद में 6 माह में फैसला देने को भी कहा है।
यह है मामला : यह मामला शहर के रामनगर स्थित पी एंड टी कॉलोनी का है। पीड़ित महिला सुशीला (परिवर्तित नाम) 80 वर्ष की है। उसके मनोज और अजय नामक (परिवर्तित नाम) दो बेटे हैं। दोनों अनेक वर्षों से एक ही घर में रह रहे हैं, लेकिन बंटवारे को लेकर विवाद था। मनोज की मृत्यु होने के बाद महिला उसके परिवार के भरोसे जीवन यापन कर रही है। बंटवारे का मामला अब भी दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय के अंतरिम आदेश के तहत ही सबके रहने की व्यवस्था हुई है। इस व्यवस्था के अनुसार, दिवंगत बेटे मनोज का परिवार पहली मंजिल पर रहता है।
दूसरा बेटा अजय ग्राउंड फ्लोर पर रहता है। मां को ग्राउंड फ्लोर पर एक कोने का कमरा दिया गया है। महिला का आरोप है कि ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाला बेटा अजय और उसका परिवार उसे प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने महिला का जीना मुश्किल कर रखा है। दिवंगत बेटे मनोज का परिवार उसके भोजन पानी की व्यवस्था कर रहा है। परेशानी ये है कि महिला के कमरे का दरवाजा जिस ओर खुलता है, वह अजय के कब्जे में है। इसलिए मनोज का परिवार वहां से आ जा नहीं सकता। ऐसे में मनोज का परिवार उसे एक खिड़की के सहारे भोजन पानी दे रहा है। यह सिलसिला कई महीनों से चला आ रहा है, जिससे महिला परेशान हो चुकी है। ऐसे में उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रहे संपत्ति का मामला हल होने तक मनोज के परिवार को ग्राउंड फ्लोर पर स्थानांतरित करने का आदेश देने और बेटे अजय के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश देने की प्रार्थना की थी।
Created On :   15 Feb 2023 5:37 AM GMT