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पीड़ित परिवारों की हिदायत , कह रहे- आप नासमझी मत कीजिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना ने कई बच्चों के सिर से उनके माता-पिता का छाया छीन लिया, तो कई बूढ़े माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी छिन गई। तीसरी लहर में भी मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, फिर भी लोग कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर गंभीर नहीं। यह लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। दूसरी लहर के भुक्तभोगी जब यह कहते हैं कि अनुदान राशि अपनों का प्यार नहीं दे सकती, तो कलेजा मुंह को आ जाता है। सच में मुफ्त राशन में माता-पिता का दुलार कहां से मिलेगा। कोरोना पीड़ित परिवार के बच्चों का वर्तमान और भविष्य बेहद कठिनाई में है। दैनिक भास्कर ने ऐसे ही कुछ परिवार के बच्चों और महिलाओं से बात की, तो उन्होंने दर्द बयां किया।
लापरवाही न करें, दर्द जानते हैं
मिलिंद नगर निवासी भारती पांडे के पति धीरज पांडे की मृत्यु 5 मई 2021 को कोराेना से हुई। 5 वर्षीय बेटी राजवी और 7 महीने का बेटा प्रवीण है। भारती पांडे ने कहा कि कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवाही को देखकर हम डर जाते हैं, क्योंकि हम भुक्तभोगी हैं। शहरवासियों से विनती है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। बच्चे पूछते हैं कि मम्मी, क्या पापा इतने अच्छे थे कि भगवान ने उन्हें पास बुला लिया, तो कलेजा मुंह को आ जाता है।
वक्त बताकर नहीं आता, रहें सावधान
जाफर नगर निवासी अमरीन खान ने बताया कि 38 वर्षीय पति शोएब खान की मौत 17 मई को कोविड से हुई। 7 वर्ष की बेटी फातिमा और 3 वर्ष का बेटा मोहम्मद इब्राहिम है। सास-ससुर भी हैं, पर बच्चे बार-बार पापा को याद करते हैं। एक बार फिर से कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। पता नहीं कब, कहां चूक हो जाए, इसलिए सतर्क रहें।
सतर्कता बरतें, हर दिन-हर वक्त
पारडी निवासी नेहा डडूरे ने बताया कि 35 वर्षीय पति ललित की मौत 5 अप्रैल को कोरोना से हुई। बेटा 3 वर्ष का है। घर में मम्मी-पापा भी हैं, पर जिन पर परिवार का भार था, वह ही नहीं रहे। लोग जांच करवाने से कतरा रहे हैं। यह अनहोनी को आमंत्रण है। कोरोना नियमों का पालन करें। परिवार, दोस्तों और शहर को बचाएं।
Created On :   29 Jan 2022 3:34 PM IST