विधायक तैयार नहीं, अधिवेशन पर अनिश्चितता

डिजिटल डेस्क, नागपुर । विधानमंडल के मानसून अधिवेशन को लेकर अनिश्चतता की स्थिति दूर नहीं हो पाई है। विधायकों ने तैयारी भी नहीं की है। बताया जा रहा है कि अधिवेशन के दौरान सुरक्षा उपाय, सदस्यों के प्रवेश व अासन व्यवस्था सहित अन्य विषयों को लेकर 25 अगस्त को कामकाज सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसका इंतजार विधानमंडल सदस्यों को है। दो अधिवेशन में अंतर की कालावधि 6 माह से अधिक नहीं रहनी चाहिए, लेकिन इस बार अधिवेशन को लेकर बार-बार संकट आ रहा है। गौरतलब है कि मानसून अधिवेशन को लेकर अनिश्चितता के बीच घोषणा की गई है कि 7 सितंबर से मुंबई में अधिवेशन होगा, जबकि कोरोना, बारिश, अनलॉक की प्रक्रिया जैसे संकट विद्यमान हैं।
14 सितंबर तक जरूरी
दो बार मानसून अधिवेशन की अवधि बढ़ाई जा चुकी है। राज्य सरकार का बजट अधिवेशन 14 मार्च को हुआ। लिहाजा नियम के अनुसार 14 सितंबर तक सरकार को अधिवेशन लेना अनिवार्य है। 3 अगस्त को अधिवेशन लेने को कहा गया था, लेकिन वह टल गया। इस बीच मुंबई की स्थिति को लेकर भी सवाल उठे। पहले तो कहा गया कि राज्य में सबसे अधिक कोराना पॉजिटिव मुंबई में होने के कारण अधिवेशन करना ठीक नहीं होगा। मंत्री व विधानमंडल सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके अलावा विधायकों के लिए रहने की व्यवस्था का भी सवाल था। मुंबई में विधायक निवास की इमारत के निर्माण कार्य को देखते हुए नई आवास व्यवस्था पर विचार चलता रहा। विधानमंडल सदस्यों के मुंबई पहुंचने को लेकर भी परेशानियां व्यक्त की गईं।
सरकार के पास विषय नहीं
सत्ता पक्ष से जुड़े एक पदाधिकारी के अनुसार स्थिति को देखते हुए मानसून अधिवेशन अधिक समय का नहीं होगा। सरकार को कुछ निर्णय लेने हैं, साथ ही 6 माह में अधिवेशन कराने के नियम का भी पालन करना है। लिहाजा सर्वदलीय सहमति के साथ सीमित तौर पर अधिवेशन कराने का निर्णय लिया जा चुका है। अधिवेशन को लेकर भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने सीधे सरकार की कार्यशैली पर सवाल दागा है। उन्होंने कहा है कि सरकार के पास कोई विषय ही नहीं रहा है, जो भी विषय है वह विपक्ष के पास है। लिहाजा सरकार अधिवेशन लेने से घबरा रही है। राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण कुंटे पाटील ने कहा है कि अधिवेशन का निर्णय सरकार लेगी। विपक्ष तो केवल राजनीति कर रहा है।
Created On :   24 Aug 2020 3:52 PM IST