छह माह में 3 लाख से ज्यादा बेडरोल गायब

More than 3 lakh bedrolls missing in six months
छह माह में 3 लाख से ज्यादा बेडरोल गायब
कोच अटेंडेंट के वेतन से काटे जाते हैं पैसे छह माह में 3 लाख से ज्यादा बेडरोल गायब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेल से सफर करने वाले यात्रियों को सफर के दौरान रेलवे बेडरोल देता है। सफर खत्म होने के बाद रेल प्रशासन को बेडरोल वापिस करना होता है। इसे वापिस लेने की जिम्मेदारी कोच अटेंंडेंट की होती है, लेकिन सुनकर हैरानी होगी कि, गत 6 माह  में मध्य रेलवे नागपुर मंडल से 3 लाख से ज्यादा की बेडरोल गायब हो गए हैं। हालांकि, रेल प्रशासन इसकी जानकारी देने में टालमटोल कर रहा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो हर दिन इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर नैपकीन गायब होते हैं। 

लापरवाही का खामियाजा
मीलों तक सफर करने वाली रेलगाड़ियों में जनरल, स्लीपर के साथ एसी 1, 2 व थर्ड बोगी होती है। एसी बोगियों में यात्रियों को बेडरोल दिया जाता है। बेडरोल में चादर, कंबल व हाथ-मुंह पौंछने के लिए नैपकीन होता है। नियमानुसार यह सारी चीजें यात्रा खत्म होने के बाद कोच अटेंडेंट को वापिस करनी चाहिए। अटेंडेट को भी इसे याद से वापिस लेना जरूरी है, लेकिन कई बार कोच अटेंडेट की लापरवाही, तो कई बार यात्रियों की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। कुछ यात्री लापरवाहीवश इसे बैग में ही डालकर ले जाते या कहीं फेंक जाते हैं। परिणामस्वरूप लगातार नैपकीन व चादरें रेलवे से गायब होने का सिलसिला जारी है। 

नहीं थम रहा सिलसिला
नागपुर मंडल में विदर्भ एक्सप्रेस, पुणे-नागपुर-पुणे, गरीबरथ आदि 12 से ज्यादा गाड़ियां हैं, जो नागपुर मंडल द्वारा संचालित होती हैं। इसके अलावा रोजाना मंडल से होकर जाने वाली गाड़ियों की संख्या भी अधिक है। कोरोना के पहले तक इन गाड़ियों में बेडरोल दिए जाते थे, लेकिन कोरोना की दस्तक के बाद से गाड़ियों में बेडरोल पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन वर्ष 2022 में फिर से इसे शुरू किया गया है, लेकिन अभी-भी बेडरोल गायब होने का सिलसिला जारी है। ज्यादातर नैपकीन गायब हो रहे हैं। गत 6 माह में 3 लाख रुपए से ज्यादा की सामग्री गायब हुई है। 

यात्री घर न ले जाएं बेडरोल
अधिकारियों की मानें तो इस तरह की घटनाओं में कोच अटेडेंट को जिम्मेदार माना जाता है और उनके वेतन से पैसे काटे जाते हैं। ऐसे में प्रशासन ने अपील की है कि, कोई यात्री भूलकर भी बेडरोल को साथ न ले जाएं, बल्कि ध्यानपूर्वक कोच अटंेडेंट को वापिस करें, ताकि, उनकी तनख्वाह कटने से बचाई जा सके। 

जानकारी देने में टालमटाेल 
रेल प्रशासन की लापरवाही की पोल खुलने के डर बेडरोल गायब संबंधी जानकारी मांगने पर टालमटाल रवैया दिखाया गया। जनसंपर्क विभाग को इसकी जानकारी मांगने के बाद भी संबंधित अधिकारी ने जानकारी देने से मना कर कर दिया। वही संबंधित अधिकारी में सीनियर डीएमई संदीप शर्मा से बात करने पर उन्होंने जानकारी देने से मना करते हुए व्यस्त होने की बात कही। उन्होंने अगले हफ्ते जानकारी देने की बात कर टालमटाेल रवैया अपनाया। 
 


 

Created On :   25 Feb 2023 6:36 PM IST

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