नाशिक शेल्टर होम दुष्कर्म मामले का शीघ्रता से हो निपटारा

Nashik shelter home rape case should be resolved quickly
नाशिक शेल्टर होम दुष्कर्म मामले का शीघ्रता से हो निपटारा
बांबे हाईकोर्ट का निर्देश  नाशिक शेल्टर होम दुष्कर्म मामले का शीघ्रता से हो निपटारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि नाशिक में बेसहार बच्चों के रहने के लिए बने आश्रम (शेल्टर होम) में अनुसूचित जाति कि 6 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले से जुड़े मुकदमे की विशेष अदालत में सुनवाई की शुरुआत के बाद उसे शीघ्रता से पूरा करने पर विचार किया जाए। हाईकोर्ट में इस मामले की जांच सीबीआई को सौपने की मांग को लेकर पेशे से वकील राजेश खोब्रागड़े ने जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसे कोर्ट ने उपरोक्त निर्देश के साथ ही समाप्त कर दिया है। क्योंकि पुलिस ने पहले ही मामले की जांच को पूरा कर लिया है। 
याचिका में पीड़ित लड़कियों को मुआवजा व वित्तीय सहायता देने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मारने की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि पुलिस ने इस मामले की जांच को पूरा कर कोर्ट में आरोपपत्र दायर कर दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि एक साल के भीतर विशेष अदालत को इस मामले की सुनवाई को पूरा करने का निर्देश दिया जाए।इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता की चिंता को समझते है लेकिन विशेष अदालत में पहले से काफी मामले लंबित हैं। इसलिए पुराने लंबित मामले को छोड़कर पहले इस मामले की सुनवाई के लिए नहीं कह सकते किंतु जब भी इस मामले की सुनवाई की शुरुआत हो तो इससे जुड़े मुकदमे की सुनवाई को शीघ्रता से पूरा करने पर विचार किया जाए। जहां तक बात मुआवजे की है तो पाक्सों कानून में मुआवजे से जुड़ी योजनाओं का प्रावधान है। जिसके तहत राहत की मांग की जा सकती है। इस तरह से खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को समाप्त कर दिया। 
 

Created On :   7 Feb 2023 2:08 PM GMT

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