भारतीय बाजार का बदलता स्वरूप, चुनौतियां एवं संभावनाए पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न 

National seminar on the changing nature, challenges and possibilities of the Indian market concluded
भारतीय बाजार का बदलता स्वरूप, चुनौतियां एवं संभावनाए पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न 
पन्ना भारतीय बाजार का बदलता स्वरूप, चुनौतियां एवं संभावनाए पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न 

डिजिटल डेस्क पन्ना। पन्ना के शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय में वाणिज्य एवं अर्थशास्त्र विभाग के तत्वाधान में भारतीय बाजार का बदलता स्वरूप चुनौतियां एवं संभावनाए विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन नगर पालिका पन्ना की अध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय के मुख्य आतिथ्य तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.एच.एस.शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। विचारगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.शैलेश कुमार चौबे विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययन शाला एवं प्रबंधन विभाग तथा विषय विशेषज्ञ के रूप में छत्रसाल महाविद्यालय से सेवा निवृत्व प्राचार्य ए.के.खरे उपस्थित रहे। आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मीना पाण्डेय ने कहा कि बाजार के बदलते स्वरूप से छोटे दुकानदारों की चुनौतियां बढी है। मुख्य वक्ता शैलेश चौबे ने कहा कि पूर्ति अपनी मांग स्वयं पैदा करती है इस सिद्धांत को अर्थशास्त्री ने चुनौती दी। आज इसकी प्रासंगिमकता बढ़ती जा रही है बाजारवाद की मॉल संस्कृति और आन लाईन बाजार में ग्राहकों के समक्ष कीमत और पसंद को सार्वजनिक किया है। वर्तमान दौर में बाजार मेंं वही टिक पायेगा जिसकी गुणवत्ता उत्तम होगी।

 

विषय विशेषज्ञ ए.के.खरे ने कहा कि मौजूदा दौर में परंपरागत व्यापारियों को भी आवश्यक बदलाव करने होगें। प्राचार्य हरिशंकर शर्मा ने कहा कि बेैलगाड़ी से मंगलयान का सफर हमारे विकास का परिचायक है रिर्सास पर्सन डॉ.एम.एस.यादव ने कहा कि १९९१ की नई आर्थिक नीती के बाद बाजावाद में पाश्चात्य सभ्यता विस्तारित हुई है जो हमारे समाज व अंधकार की ओर ले जा रही है। राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ.रावेन्द्र सिंह पटेल,वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.एस.पी.एस परमार ऊषा मिश्रा, डॉ.मनोरमा गुप्ता द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुरूआत में विषय प्रवर्तन वाणिज्य संकाय विभागाध्यक्ष सचिन गोयल द्वारा रखा गया। आयोजित संगोष्ठी में ४०० से अधिक संकाय सदस्यों,शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने अपना शोधपत्र प्रस्तुत कर नामांकन कराया। अंतिम समापन  सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. ए. के खरे तथा अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एच. एस. शर्मा के समक्ष राष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन सचिव विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग  डॉ. धरमू प्रसाद कुशवाहा ने पूरे दिन प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों की संक्षेपिका प्रस्तुति की। डॉ. एच. एस. शर्मा ने समस्त शोध पत्रों की शोध संक्षेपिका छपवाकर भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार को भेजने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य संकाय के सहायक प्राध्यापक एवं सेमिनार के सह संयोजक डॉ. बी.एन. जायसवाल ने किया। जबकि आभार महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. जे.के. वर्मा ने व्यक्त किया।

Created On :   8 Jan 2023 3:35 PM IST

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