पांच वर्ष से माेहगांव में नहीं बिकी एक बूंद भी शराब

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली)। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी यहां शराब की नदियां बह रही है। जिले के अमूनन सभी गांवों में इन दिनों शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है, लेकिन लगातार की गई जनजागृति और शराब विक्रेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के चलते पिछले 5 वर्षों से तहसील के माेहगांव में शराबबंदी कायम है। इस कालावधि में गांव समेत परिसर में एक बंूद शराब की बिक्री नहीं होने का दावा मुक्तिपथ अभियान ने किया है। गांव के लोगों को पूरी तरह नशामुक्त बनाने के लिए भी मुक्तिपथ अभियान द्वारा लगातार जनजागृति शिविरों का आयोजन यहां किया जा रहा है।
यहां बता दें कि, तहसील मुख्यालय से 22 किमी दूर मोहगांव में इसके पूर्व धड़ल्ले से शराब की बिक्री की जा रही थी। गांव के नवयुवकों समेत अन्य नागरिक भी शराब की लत में अपना जीवन बर्बाद कर रहे थे। इस बीच मुक्तिपथ अभियान के कार्यकर्ताओं ने गांव में शिविरों का आयोजन कर नशामुक्ति पर लोगों का मार्गदर्शन करना शुरू किया। गांव में शराबबंदी दल की स्थापना की गई। साथ ही गांव में सक्रिय शराब विक्रेताओं को लगातार नोटिस देकर शराब बिक्री बंद करने की अपील की गई। इसके बावजूद शराबबंदी पर प्रभावी अमल नहीं हो पाया। फलस्वरूप ग्रामीणों की मदद से पुलिस विभाग ने शराब विक्रेताओं के खिलाफ धरपकड़ मुहिम शुरू की। लगातार की गई कार्रवाई के बाद गांव में शत-प्रतिशत शराब बंदी की गई। पिछले पांच वर्षों से यह शराब बिक्री पूरी तरह बंद होकर मोहगांव समेत आस-पास के गांवों में भी शराब की बिक्री बंद करने में मुक्तिपथ अभियान सफल हुआ है। मुक्तिपथ गांव संगठन की अध्यक्ष सीताबाई घावडे, पुलिस पटेल दामजी हलामी समेत अन्य सदस्यों द्वारा अब गांव में नशामुक्ति को लेकर जनजागरण भी किया जा रहा है।
Created On :   14 Jan 2023 6:13 PM IST