नोटरी के काम को हल्के में नहीं लिया जा सकता-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने लाइसेंस की अवधि खत्म हो जाने के बावजूद एक व्यक्ति के नोटरी के रुप में काम करने पर नाराजगी जाहिर की है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति एसजी दिगे की खंडपीठ ने कहा कि हम नहीं मान सकते है कि नोटरी के काम को हल्के में लिया जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि नोटरीकृत होने के कारण दस्तावेजों को प्रमाणिकता मिलती है। दस्तावेजों को आधिकारिक रुप से विभिन्न उपयोगों में लाया जाता है। नोटरीकृत दस्तावेज विभिन्न विभागों, प्राधिकरण व कोर्ट में पेश किए जाते है और नोटरीकरण के चलते दस्तावेजों को प्रमाणिकता मिलती है। इसलिए नोटरी के काम को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
खंडपीठ के सामने एलके दोषी नामक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई चल रही है।जिनका नोटरी का लाइसेंस 2019 में खत्म हो गया था। फिर भी उन्होंने लाइसेंस के नवीनीकरण के बिना नोटरी का अपना काम जारी रखा था। सुनवाई के दौरान एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने खंडपीठ को बताया कि याचिकाकर्ता का नोटरी से जुड़ा लाइसेंस 2019 में खत्म हो गया था। मामले से जुड़ों दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता हमे हलफनामे में जानकारी दे कि अब उसने नोटरी का कार्य बंद कर दिया है। इसके साथ ही नोटरी से जुड़े स्टैंप भी कोर्ट में पेश करे। खंडपीठ ने 6 फरवरी 2023 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   14 Jan 2023 7:20 PM IST