जेईई मेन्स परीक्षा स्थगित करने से जुड़ी याचिका का एनटीए ने किया विरोध

NTA opposes petition related to postponement of JEE Mains exam
जेईई मेन्स परीक्षा स्थगित करने से जुड़ी याचिका का एनटीए ने किया विरोध
हाईकोर्ट ने 10 जनवरी को रखी सुनवाई  जेईई मेन्स परीक्षा स्थगित करने से जुड़ी याचिका का एनटीए ने किया विरोध

डिजिटल डेस्क , मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) में प्रवेश के लिए जनवरी 2023 में ली जानेवाली आईआईटी जेईई मेन्स की  परीक्षा को स्थगित किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए टाल दी है। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता हमारे सामने परीक्षा से जुड़े नियम व जरुरी दस्तावेज पेश करे। क्योंकि हम देखना चाहते है कि  परीक्षा से जुड़े नियम कैसे अनुचित है। इस विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।  याचिका में आईआईटी में दाखिले के लिए कक्षा 12 वीं में 75 प्रतिशत अंक की पात्रता में भी ढील देने की मांग की गई है। इससे पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए ) ने इस याचिका का कोर्ट में कड़ा विरोध किया। 

शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए तय की गई 75 प्रतिशत की पात्रता
बुधवार को यह याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसवी मारने की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान एनटीए की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रुई रॉड्रिक्स ने खंडपीठ के सामने याचिका का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि कक्षा 12 वीं में 75 प्रतिशत अंक की पात्रता जेईई की परीक्षा के लिए नहीं तय की गई है। यह पात्रता आईआईटी में दाखिले के लिए तय की गई है। यह पात्रता शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए निर्धारित की गई है। ऐसे में 75 प्रतिशत अंक की पात्रता को शिथिल करने का अर्थ शैक्षणिक उत्कृष्टता से समझौता करना होगा। जो की नहीं किया जा सकता है।

 उन्होंने कहा कि जेईई के पहले सत्र की परीक्षा 23 जनवरी को होनी है। जबकी दूसरे सत्र की परीक्षा 6 अप्रैल 2023 को होनी है। जो छात्र परीक्षा के पहले सत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते है। उन्हें अप्रैल में दूसरा मौका दिया जाता है। ऐसे में इस परीक्षा को स्थगित करने से जुड़ी मांग पर विचार करने की जरुरत नहीं है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद पाया कि याचिका के साथ परीक्षा से जुड़े नियम ही नहीं जोड़े गए है। इस पर खंडपीठ ने अप्रसन्नता भी व्यक्त की।  याचिका में मुख्य रुप से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से 15 दिसंबर 2022 की अधिसूचना को भी चुनौती दी गई है। इस अधिसूचना के मुताबिक जेईई मेन्स परीक्षा की तारीख 24 जनवरी से 31 जनवरी 2023 के बीच तय की गई है।

 याचिका में दावा किया गया है कि जेईई परीक्षा की घोषित तारीख सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड की परीक्षा से से पहले होनेवाली प्रिबोर्ड परीक्षा की तारीख में टकराव हो रहा है। ज्यादातर राज्य़ शिक्षा बोर्ड की ओर से ली जानेवाली प्रिबोर्ड(बोर्ड परीक्षा से पहले) परीक्षा जनवरी 2023 में होती है। इसलिए  जेईई की परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले विद्यार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि जेईई मेन परीक्षा की तारीख काफी पहले घोषित होनी चाहिए थी जिससे विद्यार्थियों को तैयारी का पर्याप्त समय मिल सके। इसलिए जनवरी में तय की गई जेईई परीक्षा की तारीख को अप्रैल 2023  अथवा दूसरी सुविधाजनक तारीख तक के लिए स्थगित किया जाए। याचिका में कहा गया है कि आईआईटी में दाखिले के लिए कक्षा 12 वीं में तय की गई 75 प्रतिशत पात्रता की शर्त के चलते लाखों बच्चे दाखिले से वंचित हो जाएंगे। क्योंकि कई बच्चे जेईई परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते है लेकिन 12 वीं में 75 प्रतिशत अंक हासिल करने में विफल हो जाते है। इसलिए पात्रता को भी शिथिल करने पर विचार किया जाए।

 

Created On :   4 Jan 2023 7:00 PM IST

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